छत्तीसगढ़

विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे सिंहदेव

Nilmani Pal
18 July 2022 5:51 AM GMT
विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे सिंहदेव
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सीएम ने कहा- नहीं मिला है इस्तीफा

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार में शनिवार को विभाग छोडऩे के बाद कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव अब मुख्यमंत्री के संपर्क से बाहर हैं। सूत्रों के मुताबिक सिंहदेव अपनी बात दिल्ली जाकर हाईकमान के पास रख सकते हैं। वहीं रविवार रात रायपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सिंहदेव शामिल नहीं हुए। दरअसल, सिंहदेव पिछले 6 महीने से नाराज बताए जा रहे हैं। शनिवार को उन्होंने 4 पन्नों का एक पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा। पत्र में उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए विभाग छोडऩे की बात कही थी। विधायक दल की बैठक में कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के एक विभाग से दिए गए इस्तीफे के मामले की गूंज रही. इस बैठक में ज्यादातर विधायकों ने सिंहदेव के इस्तीफे पर आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया है. विधायकों ने कहा कि इस्तीफे में जिन बिंदुओं को उठाया गया है, उन पर सरकार ने काम किया है।

इसे आधार बनाने से विधायक आहत हैं.कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि पंचायत मंत्री का मामला बहुत बड़ा मामला है. अधिकांश विधायकों ने आपत्ति जताई है. विधायक अपने आप को आहत समझ रहे हैं. पीएल पुनिया हमारे हाई कमान के प्रतिनिधि हैं, उनके सामने बात रखी गई है।

अब क्या फैसला लिया जाएगा, ये हाईकमान के ऊपर है. बहुत ही जल्दी सम्मान जनक फैसला लिया जाएगा. विधायक बृहस्पत सिंह ने बताया कि बैठक में राष्ट्रपति चुनाव और विधानसभा सत्र की तैयारी के साथ पंचायत मंत्री के इस्तीफे को लेकर चर्चा हुई. सभी विधायकों ने अपनी राय रखी. जो भी फैसला करना है वह हाईकमान करेगा।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि निश्चित रूप से पंचायत मंत्री का मामला बड़ा मामला है. महाराज साहब ने जिस तरह से पत्र लिखा है कांग्रेस के अधिकांश विधायकों ने इस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. इस्तीफा पत्र में टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग छोडऩे की बात कही है, उन्होंने जिन बिंदुओं का उल्लेख किया है उसमें सरकार ने काम किया है इसलिए सभी विधायक आहत हैं. सभी विधायकों ने पीएल पुनिया के समक्ष अपनी बातें रखीं. अब फैसला हाईकमान के हाथों में है.

इस्तीफा राज्यपाल को क्यों नहीं भेजा?

सूत्रों के अनुसार बैठक में विधायकों ने इस्तीफे पर रोष जताते हुए सवाल उठाया कि टीएस ने एक विभाग से ही इस्तीफा क्यों दिया मंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। इस्तीफा देना ही था तो सीधे राज्यपाल को देते। सूत्रों ने यह भी बताया कि विधायकों ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग की और इस पूरे मामले से हाईकमान को अवगत कराकर कार्रवाई की मांग करने पर जोर दिया गया। इस्तीफे को अनुशासनहीनता बताते हुए एक्शन को ले कर मांग पत्र पर विधायकों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। वहीं टीएस बाबा को जाननेवालों का कहना है कि 31 जुलाई के बाद कभी भी बाबा मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे सकते हैं। हालाकि इस खबर की अभी पुष्टि नहीं हुई है। जनता से रिश्ता भी इस खबर की अधिकृत तौर पर पुष्टि नहीं करता है। लेकिल राजनीतिक गलियारों और सूत्रों से जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार बाबा कांग्रेस में ही रह कर घर बैठने पर विचार कर रहे हैं।

अब तक नहीं मिला सिंहदेव का पत्र, हमारे बीच तालमेल: भूपेश

वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी सूचना मिली है। अभी तक उन्हें पत्र नहीं मिला है। उनके पास पत्र आएगा तो परीक्षण करा लेंगे।Ó मुख्यमंत्री रविवार को रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित जैन संतों के चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। वहां पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा, कल उन्होंने फोन लगाया था, लेकिन फोन लग नहीं पाया। हमारे बीच सब तालमेल है। हम इस संबंध में चर्चा कर लेंगे।

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