छत्तीसगढ़
मूक बधीर किशोरी के साथ दुष्कर्म, आरोपी को मिली 20 साल की सजा
Shantanu Roy
22 April 2022 5:04 PM GMT
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छग
बिलासपुर। युवक ने मूक बधीर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। फिर सजा से बचने के लिए पीड़िता से शादी कर ली। मामले की सुनवाई के दौरान विशेष कोर्ट दुष्कर्म के आरोपित युवक को 20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने युवक के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि विवाह करने से क्या अपराध की गंभीरता कम हो जाती है। अभियुक्त की मंशा साफ है। यह विवाह केवल सजा से बचने के लिए किया गया प्रपंच है। विशेष कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि यदि आरोपित को छोड़ दिया जाता है तो इसका संदेश यही जाएगा कि इस तरह के अपराध करने के बाद दंड से बचने के लिए विवाह कर लिया जाए।
इससे इस तरह के अपराध करने की प्रवृति कम नहीं होगी बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से उसे और बढ़ावा ही मिलेगा। विशेष कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित इंद्रमनजीत भार्गव को धारा 376(3) एवं धारा 05/6 पाक्सो अधिनियम में दोष माना है। इसके लिए अभियुक्त को 20 वर्ष सश्रम कारावास व 500 स्र्पये अर्थदंड, एक अन्य धारा में तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी सजाओं को एकसाथ चलाने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अभियुक्त द्वारा अभिरक्षा में बिताया गया समय सजा में समायोजित किया जाए।
क्या है मामला
पीड़िता का परिवार मस्तूरी थानांतर्गत गांव में रहता है। किश्ाोरी मूक बधीर है। पीड़िता 10 दिसंबर 2019 को शाम के कोठार से धान मिसाई कर घर जा रही थी। शाम साढ़े पांच बजे जब मां घर आई तो किशोरी नहीं थी। घर से दूर खेत की तरफ खोजते हुए पहुंची। वहां आरोपित युवक किशोरी के साथ दुष्कर्म कर रहा था। पीड़िता के स्वजन को देखते ही वह भाग खड़ा हुआ। घटना की शिकायत पुलिस में की गई। पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपित के खिलाफ भादवि की धारा 376 व पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया था।
Shantanu Roy
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