छत्तीसगढ़

एसआई भर्ती: हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

Nilmani Pal
20 Aug 2023 5:04 AM GMT
एसआई भर्ती: हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
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इंटरव्यू चालू हो गया है, अभ्यर्थी आंकड़ों को लेकर हलाकान.
रायपुर (जसेरि) हाई कोर्ट ने एसआई, सूबेदार, प्लाटून कमांडर एवं अन्य पदों के लिए चल रहे भर्ती प्रक्रिया को लेकर कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। अभ्यर्थियों व्दारा प्रस्तुत याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की। लगभग सैकड़ों अभ्यर्थियों ने पिटीशन लगाया है, उन्हें अंदेशा है कि उनके साथ अन्याय न हो। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में हुई गलतियों को दूर करने कहा और दोबारा जांच करने के भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 23 अगस्त को निर्धारित की है। जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच में 18 अगस्त को सुनवाई करते हुए गड़बड़ी की जांच कर भर्ती प्रक्रिया को करने का निर्देश दिया है। और अगली सुनवाई 23 अगस्त को गृह विभाग से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि 2021 में एसआई की परीक्षा में लगभग डेढ़ लाख लोगों ने फार्म भरा ,पुलिस विभाग ने 975 पदों की रिक्तियां निकाली थी और उसकी शारीरिक नापजोख करने के बाद 70 हजार अभ्यर्थी बचे जिन्होंने परीक्षा दिया। इसमें 247 पद प्लाटून कमांडर का है जिसमें महिलाओं को पात्रता नहीं है। उसमे भी विभाग ने 400 महिलाओं का चयन कर लिया है। पुलिस विभाग को 975 में 247 घटाकर 727 पद के 20 गुना यानी 14560 अभ्यर्थियों को बुलाना चाहिए था, इसमें गलत फहमी पुलिस स्थापना विभाग को हो गई और विभाग ने 975 में से 247 बिना घटाए 975 के बीस गुना 19500 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया। अब कल्पना करें कि 975 पदों के लिए 19500 अभ्यर्थियों की कैसे फिर से छंटनी की जाए।
ऐसे में फ्लाटून कमांडर के महिला अभ्यर्थी पात्र नहीं हैं वहीं उन्हें तीस प्रतिशत आरक्षण पहले से मिला हुआ है । अब सवाल उठता है कि जब प्लाटून कमांडर के लिए महिला अभ्यर्थी पात्र नहीं है तो 975 का बीस गुना अभ्यर्थी न बुलाकर कुल 727 का बीस गुना बुलाना था, अब अभ्यर्थियों को पहले भी आरक्षण मिला था और अब 975 के बीस गुना अभ्यर्थियों को बुलाया गया उसमें भी उनको फायदा हो गया। इससे अनारक्षित और पुरूष पदों में महिलाएं चयनित हो जाएंगी जो पुरूष और अनारक्षित अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग में सन् 2021 से लंबित सूबेदार,उपनिरीक्षक संवर्ग तथा प्लाटून कमांडर के कुल 975 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राजधानी के कोटा स्टेडियम में शारीरिक दक्षता परीक्षा हुई जिसमें 4865 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिसमें से कुल 1378 अभ्यर्थी का चयन हुआ है। इसमें 1136 पुरुष और 242 महिला हैं। साथ ही इंटरव्यू 17 अगस्त से रायपुर में प्रारंभ हो गया है।
लेकिन इंटरव्यू के पहले ही अभ्यर्थियों में आक्रोश और भय पनपने लगा है। एक अभ्यर्थी भोलेश कुमार ने हाई कोर्ट में पिटीशन लगाया भी है जिसके जवाब में पुलिस विभाग की और से जो जवाब दिया गया है उसे देखकर अभ्यर्थियों के होश उड़ गए हैं। जवाब में कहा गया है की भूतपूर्व सैनिकों के लिए 153 पद आरक्षित किये गए है जबकि पुलिस विभाग द्वारा जारी किये गए विज्ञापन के बिंदु क्रमांक 4 में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार भूतपूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत और विभागीय कर्मचारियों के लिए 5 प्रतिशत समस्तर व प्रभागवार आरक्षण रहेगा। अब आरक्षण के हिसाब से भूतपूर्व सैनिकों के लिए दस प्रतिशत पद आरक्षित होता है उस लिहाज से कुल 975 पद के लिए कुल लगभग 97 पद आरक्षित होता है और हाई कोर्ट में दिए जवाब को आधार माने तो 153 पद आरक्षित होते है। साक्षात्कार के लिए अभी भूतपूर्व सैनिक केटेगरी से कुल 43 अभ्यर्थी ही पात्र पाए गए हैं इस दशा में 10 प्रतिशत के अनुसार 54 पद और 153 पद को आधार माने तो 110 पद किस केटेगरी से भरे जायेंगे। इसमें संशय की स्थिति बनी हुई है। सामान्य केटेगरी के कुछ उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत करते हुए बताया कि यह सरासर गलत और नियम विरुद्ध है।
उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार से अनुमति लेकर इन पदों पर अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों की भर्ती किया जाय। पुलिस केटेगरी के उम्मीदवार पहले से ही सरकारी नौकरी में रहते हैं और यदि ऐसा होता है तो इससे बेरोजगार छले जायेंगे। अब आरक्षण के कारण पुलिस की भर्ती उलझकर न रह जाये। चुनावी वर्ष के चलते प्रदेश में पहले ही भर्ती नहीं हो पाई थी। अब आरक्षण के कारण पुलिस में भर्ती नहीं हो सकी है। रिजर्वेशन वाले सामान्य और सामन्य को रिजर्व मामला यह है कि सबसे पहला फायदा एसटी/एससी/ओबीसी/भतपूर्व सैनिक होने पर उनको उम्र बढऩे का फायदा तो मिलना था, जो अब वह जनरल केटेगरी में आ गया वहीं रिजर्व केटेगरी में दूसरे लोग आएंगे और जनरल में आ गए इस तरह अनारक्षित सीट पर भी काबिज हो जाएंगे। ऐसे में अनरिजर्वेसन वालों को दोहरी मार पड़ेगी और प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे। लोगों ने यह भी बताया कि यह खेल विभागीय सलेक्शन कमेटी कर रही है जो निर्धारित सीटों को पहले से अपने चहेतों के लिए रिजर्व कर रखा है, उनके लिए आरक्षण को अनारक्षित और आनारक्षित को आरक्षित करने का खेल रहे है। जो आरक्षण के नाम पर पर्दे के पीछे भर्ती का नया गुल खिलाने जा रहा है।
वर्सन
हाईकोर्ट के आदेश का परीक्षण करने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। इंटरब्यू यथावत सुचारू रूप से चलता रहेगा कोर्ट ने इंटरब्यू रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है।
-ओपी पाल, आईजी (आईपीएस)
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