हड़ताल न करने, कमेटी में सकारात्मक बदलाव के लिए मिला श्रमिक मोर्चा
रायपुर। वित्त मंत्री ओपी चौधरी से दैनिक श्रमिक मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी ने भेंट की उन्हें चार अलग-अलग सुझात्मक ज्ञापन पत्र सौंपा। मंत्री ने उक्त चारों ज्ञापनों को नियमानुसार उचित कार्यवाही के लिए अधीनस्थों को तत्काल अग्रेषित किया।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के समस्त विभाग, निगम,मंडल, आयोग में बैक डोर एंट्री से बिना नियुक्ति पत्र के 36 हजार दैनिक मासिक अनियमित श्रमिक सन 2008 से तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कार्यों पर रखे जा रहे है, इन सबों को श्रम आयुक्त दर का वेतनमान इनका संबंधित विभाग बिना किसी बिचौलिए के सीधे प्रदान करता है। इन्हें वर्तमान में श्रम सम्मान 4 हजार रु मासिक, वेतन के इतर प्रदान किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बर्ष 2016 में स्थाईकरण योजना लाकर, ऐसे 48 हजार श्रमिकों को स्थाईकरण किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ सर्वविभागीय श्रमायुक्त दर श्रमिक, कलेक्टर दर श्रमिक मोर्चा ने भेट पर, अनियमित कमिटी की एक निश्चित निर्धारित तिथि तक निर्णय, जन प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से कमिटी में स्थान, सभी संगठनों के 2 प्रतिनिधियों को प्रकार के अनुसार कमेटी में रखने का ज्ञापन सौंपा।
अन्य सौंपे ज्ञापन में वर्तमान देय श्रम सम्मान शीर्ष से ही मासिक वेतन भुगतान सँयुक्त रूप से प्रदान करने, 1948 अधिनियम के अनुसार जल्द से जल्द न्यूनतम मजदूरी के लिए बनी कमिटी से मजदूरी वृद्धि निर्णय करवाने, हड़ताल न करने के संगठन के शपथ से भी अवगत करवाया। अनियमित कमिटी द्वारा जिस प्रकार के कर्मचारियो के लिए जो हित मे सवैधानिक, विधिक, वित्तीय रूप से उचित हो वह समाधान निकालने की बात कही। बिना नियुक्ति पत्र वालो के लिए उचित मांग म. प्र. 2016 के तर्ज पर स्थाईकरण करने आग्रह किया।