शिवसैनिको ने राष्ट्रपति से किया केंद्रीय निर्वाचन आयोग को बर्खास्त करने की मांग
छत्तीसगढ़। बालासाहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई शिवसेना को तोड़ने की नाकाम कोशिश लगातार केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। पक्ष प्रमुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन समाप्त करने के निर्णय के बाद भाजपा द्वारा लगातार शिवसेना को बदनाम करने की साज़िश रची गई।
केंद्र की भाजपा शासित सरकार द्वारा ईडी सीबीआई का दुरुपयोग करके शिवसेना से जुड़े कई नेताओं को भय दिखाया गया। जो शिवसेना नेता बालासाहेब के दिखाए मार्ग पर चलते हुए अपने इरादों पर अडिग हैं और जनता की सेवा में लगे हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है।
बीते दिनों केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा दस्तावेजों को दरकिनार करते हुए एकपक्षीय निर्णय सुनाते हुए बाला साहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई शिवसेना को दो भागों में बांटने का कार्य किया गया। शिवसेना ने जिन नेताओं पर विश्वास रखा उनमें से कुछ लोगों का ईमान बिकाऊ निकला और उन्होंने शिवसेना के साथ गद्दारी किया। इस गद्दारी पर केंद्र सरकार के इशारे पर निर्वाचन आयोग द्वारा सुनाया गया निर्णय पक्षपाती है। ऐसा आरोप लगाते हुए बस्तर ज़िला के शिवसैनिको ने महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को भंग करने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वालों में शिवसेना बस्तर के उपाध्यक्ष चंचलमल जैन और जिला सचिव टिकेंद्र ऊके व स्थानीय शिवसैनिक उपस्थित रहें।