छत्तीसगढ़

शिव डहरिया की पत्नी पर लगा सामुदायिक भवन पर कब्जा करने का आरोप, जल्द होंगे कई बड़े खुलासे

Shantanu Roy
22 Feb 2024 12:40 PM GMT
शिव डहरिया की पत्नी पर लगा सामुदायिक भवन पर कब्जा करने का आरोप, जल्द होंगे कई बड़े खुलासे
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छग
रायपुर। पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया पर रायपुर के शताब्दी नगर स्थित सामुदायिक भवन पर कब्ज़ा करने का आरोप है। पूर्व मंत्री की पत्नी की यहां इतनी चलती है कि उन्होंने भवन के रंगरोगन पर 1 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। यहां आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। ये सामुदायिक भवन किसी सचिव के कार्यालय से कम नहीं है। आलम ये है कि आमसभा में इस मुद्दे पर खूब हंगामा होने के बाद सभापति प्रमोद ने पूर्व मंत्री का नाम चर्चा से विलोपित कर दिया।
इस यहां 50 लाख रुपये से ज्यादा लगभग 1 करोड़ रुपए की लागत से एलईडी टीवी, वार्डरोब, फ्रिज, अलमारी, वाशिंग मशीन, कम्प्यूटर,कंप्यूटर प्रिंटर सहित तमाम वो सुविधाएं हैं।
सामुदायिक भवन में खर्चे 1 करोड़ रुपए
जिसकी कल्पना निगम या फिर किसी भी शासकीय सामुदायिक भवन में नहीं की जा सकती। दरअसल,रायपुर नगर निगम में अभी कांग्रेस का कब्ज़ा है। यहां की सामान्य सभा के दौरान भाजपा की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने जोन 10 के अंतर्गत आने वाले शताब्दी नगर स्थित इस सामुदायिक भवन का मामला उठाया, जिसमें उनके द्वारा इस भवन में दी गई इन तमाम 5 सुविधाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब भारसाधक सदस्य ज्ञानेश शर्मा नहीं दे पाए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि इसका संचालन राजश्री सद्भावना समिति द्वारा किया जाता है, जिसकी अध्यक्ष पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया हैं। इन सभी सवालों का जवाब नहीं मिल पाने की वजह से मेयर एजाज ढेबर ने इस मामले में कमेटी का गठन कर 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने सामान्य सभा में वह पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें राजश्री सदभावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया ने जोन-10 को सामुदायिक भवन के हस्तांतरण और संचालन के लिए पत्र लिखा था। जिसके बाद भवन को हस्तांतरित करने के लिए 16 जून 2022 को आयोजित की गई एमआइसी की बैठक में इस संदर्भ में संकल्प क्रमांक 33 के अंतर्गत भवन को राजश्री सद्भावना समिति को हस्तांतरित किए जाने पर मुहर लगा दी गई। इसके बाद जोन-10 ने इस भवन में फर्नीचर, आलमारी, लकड़ी की कुर्सियां, वाशिंग मशीन, वाटर हीटर, सोफा, सेंट्रल टेबल, कंप्यूटर, कंप्यूटर प्रिंटर, किचन चिमनी, वाटर कूलर इत्यादि सामान प्रदान करने के लिए वर्क आर्डर जारी किया।
नेता प्रतिपक्ष द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सदन में बताया गया कि निगम के सामुदायिक भवनों की आधिकारिता निगम के पास ही रहती है। इसे किसी को नहीं दिया जा सकता। लेकिन उक्त सामुदायिक भवन को किस अधिकार के तहत एनजीओ को संचालित करने के लिए दे दिया गया, इसका जवाब सदन में कोई भी एमआइसी सदस्य नहीं दे पाया। जायज सी बात है कि, इस मामले में पूरी तरह से सत्ता का दुरूपयोग हुआ है। सामान्य सभा के दौरान राजश्री सद्भावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया का नाम सामने आने के बाद इसे कार्यवाही के दौरान सभापति प्रमोद दुबे द्वारा विलोपित तो करवा दिया गया। लेकिन सामुदायिक भवन की दीवारें पर लगी शिव डहरिया और उनकी पत्नी सहित परिवार की फोटो से स्पष्ट है, कि यह पूरा खेल उनके एनजीओ को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
दोषी पाए जाने वाले अफसरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
सदन में मुद्दा सामने आने पर परिषद के ही कुछ सदस्य कहते रहे हैं कि यह भवन किसी को आवंटित नहीं है, फिर मंत्री की पत्नी का भवन पर कब्जा कैसे है? इसी बीच सामान्य सभा में माहौल गर्म हो गया। भाजपा पार्षद दल कार्रवाई की मांग करने लगा। नेता प्रतिपक्ष मीनल ने कहा कि भवन पर अवैध कब्जा करना और अफसरों का लाखों रुपए खर्च करना जांच का विषय है। इसमें दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं मेयर एजाज ढेबर ने इस पूरे मामले की जांच करने और दोषी पाए जाने वाले अधिकारी को बर्खास्त करने की बात कही है।
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