छत्तीसगढ़

शारदा चौक-तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण, अभी भी अधर में, वित्त विभाग में अटकी फाइल...

Nilmani Pal
29 Aug 2023 5:48 AM GMT
शारदा चौक-तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण, अभी भी अधर में, वित्त विभाग में अटकी फाइल...
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सीएम की घोषण के बाद 11 अगस्त से शुरू होना था निर्माण कार्य, लेकिन फाइल ही आगे नहीं बढ़ी.
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर: शारदा चौक-तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण मुद्दे को लेकर व्यापारियों और आम लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि 600 मीटर तक सड़क चौड़ीकरण हो जाए तो राजधानी में रोजाना करीब चार से पांच लाख लोगों को यातायात जाम की समस्या से राहत मिलेगी। वर्तमान में तात्यापारा के 300 मीटर बाद सड़क संकरी होने की वजह से यहां बाटल नेक बन जाता है, जिसके कारण दिन भर हजारों लोगों को रोज जाम में फंसना पड़ता है। सड़क चौड़ी करने के लिए 30 करोड़ का मुआवजा चार साल पहले रखा गया था। अभी इस बजट में यह संभव नहीं है। दरअसल व्यापारी भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक ही मुआवजा देने की मांग कर रहे हंै। ऐसे में बजट से कहीं ज्यादा मुआवजा देना पड़ सकता है। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि पुराने सर्वे के अनुसार सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले करीब 20 व्यापारियों, मकान मालिकों को दस करोड़ रुपये मुआवजा देना है। सर्वे का अवलोकन कर मुआवजा देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
शारदा चौक-तात्यापारा रोड के चौड़ीकरण की उम्मीद अब बंध गई है। यह रोड राजधानी के व्यस्ततम स्थल जयस्तंभ से जुड़ी हुई है। सरकार से नगर निगम को 30 करोड़ रुपये का बजट मिलते ही चौ?ीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। पिछले 15 साल से इस रोड के चौड़ीकरण का काम अटका हुआ है। इसे लेकर पिछली भाजपा सरकार में करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा गया था। निगम स्तर पर भी सड़क चौड़ीकरण के लिए शासन से पैसे की मांग की गई थी पर न पैसा मिला और न ही योजना एक कदम भी आगे बढ़ सकी, लेकिन पिछले महीने नगर निगम के बजट में इसे शामिल कर 30 करोड़ का प्रविधान करने के बाद शहरवासियों को उम्मीद है कि एक-दो महीने के भीतर सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
दोनों ओर 20-20 फीट चौड़ा
निगम के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सड़क की चौड़ाई कहीं 30, 35, 40, 45 और 50 फीट है। दोनों ओर कम से कम 20-20 फीट इसकी चौड़ाई बढ़ानी है।
तीन महापौर बदले पर अटका रहा चौड़ीकरण
शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले जीई रोड स्थित शारदा-चौक से आमापारा तक रोड चौ?ीकरण का प्रस्ताव साल 2006-07 में तैयार हुआ था। महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आमापारा से तात्यापारा तक पहले चरण का चौड़ीकरण किया भी गया। आगे का काम मुआवजे को लेकर अटका रहा। इसके बाद महापौर डा. किरणमयी नायक और प्रमोद दुबे महापौर बने। दोनों ने अपने कार्यकाल में चार से पांच बार शासन को प्रस्ताव भेजा। यही नहीं, राज्य सरकार के अनुपूरक बजट में फंड मिलने की उम्मीद जताई थी पर यह नहीं हुआ।
भाजपा के दो पूर्व दिग्गज मंत्रियों ने भी इसके लिए प्रयास किए। फिर भी चौड़ीकरण की योजना एक कदम भी आगे नहीं बड़ी। कांग्रेस की नई सरकार आने के बाद महापौर एजाज ढेबर ने प्रयास तेज कर निगम की बजट में 30 करोड़ का प्रविधान किया, तब जाकर सड़क चौड़ीकरण का रास्ता साफ हुआ।
शारदा चौक-तात्यापारा रोड चौड़ीकरण कब शुरू होगा
राजधानी में सबसे व्यस्त जयस्तंभ इलाके से लगी शारदा चौक-तात्यापारा रोड के चौडीकरण की उम्मीद बंध गई है। सरकार से 43 करोड का बजट मिलते ही इसका काम शुरू हो जाएगा। पिछले 12 साल से इस रोड का चौड़ीकरण अटका हुआ है। इसे लेकर पिछली भाजपा सरकार में करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा गया। निगम स्तर पर चौड़ीकरण के लिए शासन को फंड की मांग की गई। भाजपा के दो पूर्व दिग्गज मंत्रियों ने भी इसके लिए प्रयास किए। फिर भी चौड़ीकरण के लिए न तो फंड मिला और न ही योजना एक कदम भी आगे बढ़ी। कांग्रेस की नई सरकार आने के बाद फिर प्रयास तेज हुए हैं, लेकिन अभी भी जमीनी स्तर पर कोई फैसला नहीं हो सका है। हालांकि महापौर प्रमोद दुबे ने दावा किया है कि राज्य सरकार के अनुपूरक बजट में संभवत: 43 करोड का फंड मिल सकता है।
शारदा-चौक से आमापारा तक रोड चौड़ीकरण का प्रस्ताव पूर्व महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में तैयार हुआ था। सुनील सोनी के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आमापारा से तात्यापारा तक पहले चरण का चौड़ीकरण हो गया। इसके बाद निगम में सत्ता परिर्वतन के बाद कांग्रेस से डा. किरणमयी नायक महापौर बनीं। दूसरे चरण के तहत तात्यापारा से शारदा चौक तक बचे हिस्से के चौड़ीकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। बजट को लेकर निगम और शासन के बीच मामला अटका रहा। डा. किरणमयी नायक का कार्यकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस से ही प्रमोद दुबे महापौर बने। उन्होंने भी अपने कार्यकाल में अब तक चार से पांच बार शासन को प्रस्ताव भेजा। मामला अटके रहने की वजह से विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत और कृषि मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल ने रोड चौड़ीकरण को लेकर बैठकें लीं और शासन को प्रस्ताव भेजा। राजेश मूणत ने इसके लिए 29 करोड़ रुपए भी मंजूरी दी। तब निगम ने चौड़ीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की। चौड़ीकरण के लिए निगम ने पूर्व के सर्वे के आधार पर नया सर्वे किया और उसका भौतिक सत्यापन भी कराया। इसके बाद मामला फिर अटक गया। इसी दौरान विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण रोड चौड़ीकरण को लेकर किसी तरह के प्रयास नहीं हुआ।
स्मार्ट सिटी में नहीं किए शामिल?
शारदा चौक से तात्यापारा रोड चौड़ीकरण को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जा सकता था। यह एबीडी एरिया में भी है। अभी स्मार्ट सिटी के पास करीब 400 करोड़ रुपए है। अफसर इसे खर्च ही नहीं कर पा रहे हैं बल्कि इससे मिलने वाले ब्याज से ही छोटी योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी ने लाखों-करोड़ों रुपए ऐसी योजनाओं पर खर्च किए हैं, जिसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा। जैसे गौरवपथ में साइकिल ट्रैक, मोतीबाग में भूलभुलैया और पंप ट्रैक, नेकी की दीवार, सप्रे स्कूल मैदान में हेल्दी हार्ट ट्रैक पर खर्च किया गया। महापौर प्रमोद दुबे ने पूर्व सरकार पर यह भी आरोप लगाए थे कि सरकार ने वीआईपी रोड के लिए पैसे दे दिए थे, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी शारदा-चौक तात्यापारा सड़क को नहीं दिया गया।
कांग्रेस-भाजपा में झगड़ा
प्रोजेक्ट के अटकने को लेकर एक बड़ी वजह भाजपा और कांग्रेस के बीच खींचतान को मानी जा रही है। दरअसल, इस चौ?ीकरण नींव भाजपा के महापौर सुनील सोनी ने रखी थी। उन्होंने पहले चरण में आमापारा से तात्यापारा तक चौ?ीकरण किया। इसके बाद निगम में कांग्रेस की सत्ता आ गई और दो टर्म यानी 2009 से 2014 और 2014 से 2019 तक निगम पर कांग्रेस का कब्जा है लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार थी। यही वजह है कि पिछले 9 सालों से इस रोड को लेकर शासन और निगम के बीच खींचतान चल रही थी। अब चूंकि राज्य में भी कांग्रेस की सरकार है और निगम में भी कांग्रेस की सत्ता है।
ऐसी है सड़क की चौड़ीकरण योजना
शारदा चौक से आमापारा तिराहे तक चौड़ीकरण के लिए 2006 में 55 करोड़ रुपए का बजट बनाया गया था। कानूनी तथा अन्य प्रक्रिया के कारण कुछ महीने लंबित रहने के बाद आमापारा तिराहे से तात्यापारा चौक तक चौड़ीकरण शुरू हुआ तथा प्रभावित लोगों को 25 करोड़ रुपए मुआवजा बांटा गया। लेकिन इसके बाद काम रुक गया। अब माना जा रहा है कि बचे हुए हिस्से की चौड़ाई बढ़ाने पर प्रोजेक्ट में लगभग 46 करोड़ रुपए खर्च होगा।
बृजमोहन-मूणत ने किए थे प्रयास
शारदा चौक-तात्यापारा रोड को लेकर पूर्व भाजपा शासनकाल में तात्कालिक लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी प्रयास किए थे। यह सड़क रायपुर पश्चिम और दक्षिण दोनों की सीमा में है। लिहाजा दोनों दिग्गज मंत्रियों ने शासन स्तर पर फंड के लिए प्रस्ताव भेजे थे। उस समय भी यह मंजूर नहीं हो पाया।
नगर निगम के पुराने सर्वे के मुताबिक शारदा चौक से फूल चौक तक प्रभावितों को 8800 रु. प्रति वर्गफीट तथा यहां से तात्यापारा चौक तक 6900 रु. वर्गफीट की दर से मुआवजा देना तय किया गया था। पिछले साल किए गए सर्वे के बाद नए गाइडलाइन के हिसाब से मुआवजा तय किया जाएगा। अभी शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक की सड़क की चौड़ाई 30 से 45 फीट तक है। इसे एक समान 80 फीट चौड़ी करना है।
इसके लिए निगम को सड़क के दोनों दिशा में 20-20 फीट की जमीन लेनी होगी। सर्वे में यह भी तय हो चुका है कि कहां, किससे, कितनी जमीन लेनी है। शारदा चौक से तात्यापारा के बीच लगभग आधा किमी के इस हिस्से की चौड़ाई बढ़ाने के लिए 75 मकान प्रभावित होंगे।
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