रायपुर। आईपीएस पवन देव के खिलाफ महिला पुलिस द्वारा लैंगिक उत्पीड़न को लेकर लगाए गए आरोपों पर हुई कार्रवाई को लेकर राज्य गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जवाब भेजा है. इसमें केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण, जबलपुर के आदेश के विरुद्ध बिलासपुर उच्च न्यायालय में अपील दायर करने की प्रक्रिया जारी रहने की बात कही गई है. न्यायालय से आदेश प्राप्त होने के बाद कार्यवाही की बात कही गई है.
गृह (पुलिस) विभाग में उप सचिव मुकुंद गजभिए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव को भेजे जवाबी पत्र में बताया कि शिकायतकर्ता के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आईपीएस पवन देव के खिलाफ आईएएस रेणु जी पिल्ले की अध्यक्षता में आंतरिक जांच समिति का गठन किया गया था. समिति ने अपनी जांच में कुछ आरोपों में सत्यता पाई. आईपीएस पवन देव ने लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम के उन पर लागू नहीं होने का तर्क दिया. इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने शिकायतकर्ता की याचिका पर फैसला देते हुए कार्यवाही करने का निर्देश दिया था.
उप सचिव ने बताया कि प्रकरण में उच्च न्यायालय के निर्देश पर आईपीएस पवन देव आरोप पत्र जारी किया गया था, जिसके विरुद्ध उन्होंने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, जबलपुर में याचिका दायर की थी. जिस पर अभिकरण ने पवन देव के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया था. इस आदेश के बाद आगे की कार्यवाही के लिए पुलिस महानिदेशक और स्टेंडिंग काउंसिल का अभिमत मांगा गया था.
पुलिस महानिदेशक और स्टेंडिग काउंसिल के अभिमत में भिन्नता को देखते हुए छग शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का अभिमत मांगा गया. विभाग के अभिमत के अनुसार उच्च न्यायालय में अभिकरण के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करने प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. उच्च न्यायालय का आदेश मिलने के साथ समुचित कार्यवाही की जाएगी.