छत्तीसगढ़

अबॉर्शन की गोली खिलाकर जान लेने वाले प्रेमी को हुई कड़ी सजा, जिंदगी भर रहेगा जेल में

Nilmani Pal
9 Dec 2022 9:23 AM GMT
अबॉर्शन की गोली खिलाकर जान लेने वाले प्रेमी को हुई कड़ी सजा, जिंदगी भर रहेगा जेल में
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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में 5 महीने की गर्भवती प्रेमिका को अबॉर्शन की दवाई खिलाने के बाद हुई उसकी मौत के मामले में दोषी प्रेमी को स्पेशल एडीजे कोर्ट गौरेला ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पूरा मामला पेंड्रा थाना क्षेत्र के शिकवा गांव का है, जहां 30 जुलाई 2021 को एक नाबालिग लड़की की तबियत बिगड़ने पर मौत हो गई थी।

शिकवा गांव के ही रहने वाले खेमचंद रजक उर्फ गोलू का प्रेम संबंध गांव की ही रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ था। आरोपी लगातार लड़की का यौन शोषण कर रहा था, जिसके बाद उसे 5 महीने का गर्भ ठहर गया था। खेमचंद लड़की से शादी नहीं करना चाहता था। उसने लड़की को गर्भपात की दवाई लाकर दी, जिसे खाने पर नाबालिग की हालत की बिगड़ गई। अत्यधिक खून बह जाने के कारण हाइपोवॉलूमिक शॉक के चलते लड़की की मौत हो गई थी।

मृत नाबालिग लड़की के परिजनों ने थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी खेमचंद के खिलाफ अपराध क्रमांक 222 धारा 304, 376 , 313 और 314 के तहत केस दर्ज किया था। 1 सितंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। मृतका के उम्र के संबंध में उसके स्कूल से दस्तावेज लिए गए, तो मौत के दिन तक उसकी उम्र 15 साल 9 महीने थी। इसके बाद आरोपी खेमचंद के खिलाफ पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 भी जोड़ी गई। इसके बाद कोर्ट में उसका केस चल रहा था। कोर्ट ने गवाहों और सबूतों के मद्देनजर आरोपी को दोषी करार दिया।

इस मामले में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्त का आशय मृतका की हत्या करने का नहीं था। उसका मकसद लड़की के गर्भ को गिराने का था, ताकि नाबालिग के परिजनों और समाज के लोगों को उसके प्रेम संबंधों का पता नहीं चले। ऐसी स्थिति में दोषी को धारा 302 के तहत दोष मुक्त करते हुए धारा 376 (3), 314 और पॉक्सो एक्ट (POCSO- Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) की धारा 6 के तहत दोषी पाते हुए धारा 314 के अपराध में 10 साल की सजा और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है।

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