संवेदना से मानसिक रोग से पीड़ित लोकेश को ईलाज कर मां से मिलाया

कोण्डागांव: नशे की लत कई बार लोगों को मौत के मुंह में ले जाती है तो कुछ साइकोट्रॉपिक ड्रग्स लोगों की मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव करते हैं। जिससे व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन तक खो बैठता है। ये साइकोट्रॉपिक ड्रग्स जिन्हें आम भाषा में सस्ते नशों की संज्ञा दी जाती है। जितने कम दामों में लोगों को मिल जाते हैं उतने ही हानिकारक प्रभाव व्यक्ति के शरीर पर कर जाते हैं। ऐसे ही सस्ते नशों के कारण बचेली के अत्यन्त गरीब परिवार में रहने वाले लोकेश विश्वकर्मा द्वारा नशे के आदी होने के कारण मानसिक रोगों से ग्रसित हो गये थे। ऐसे में उनके परिवार में पिता की लकवे की बीमारी एवं माता के छोटी सी आय में लोकेश का ईलाज कराना संभव नहीं था साथ ही नशे की लत के कारण लोकेश अक्सर नशों के लिए पैसे की मांग करते हुए अपनी मां से मारपीट भी किया करता था। मानसिक स्थिति बिगड़ने के साथ उसने बचेली से पैदल चलते हुए कोण्डागांव पहुंच गया था।
