छत्तीसगढ़

नयापारा में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की तैयारियों को लेकर संगोष्ठी आयोजित

Nilmani Pal
25 Dec 2024 10:56 AM GMT

राजिम। समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और खूबसूरत प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध राजिम नगरी जो तीन नदियां महानदी (चित्रोत्पला), पैरी और सोंढुर का पवित्र संगम है इसीके किनारे बसे गोबरा नयापारा जो तीन जिलों का भी संगम है में हरिहर विद्यालय प्रांगण परिसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुज हरिद्वार के मार्गदर्शन मे 05 से 08 जनवरी 2025 तक राष्ट्र जागरण के लिय 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव का आयोजन किया गया है। इसकी तैयारी हेतु 25 दिसम्बर को गायत्री शक्ति पीठ नवापारा में यज्ञ संचालन समिति ने गोष्ठी आयोजित की जिसमें क्षेत्र के प्रबुद्धजन एवं सैकड़ो गायत्री परिजन उपस्थित थे।

यज्ञ संचालन समिति के अध्यक्ष आर.एस. चौरसिया एवं गायत्री शक्ति पीठ नयापारा राजिम के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी श्री सुदर्शन वर्मा ने बताया कि आज मानव पाश्चात्य जीवन शैली अपनाते हुए भौतिकता की चकाचौंध में सद्गुणों को भूल गया है और दुर्गणों में फंसकर स्वयं तथा बच्चों का भविष्य अंधकारमय बनाता जा रहा है। भारतीय संस्कृति ऋषी प्रणीत जीवन मूल्यों से परिपूर्ण है। यज्ञीय परंपरा के पुनरुत्थान से वर्तमान समय की समस्त विभिषिकाओं का समाधान संभव है जनकल्याण की समस्त आकांक्षाओं को यज्ञीय परंपरा के माध्यम से पूर्ण किया जा सकता है। इसी उद्देश्य को राष्ट्र जागरण हेतु इस महायज्ञ का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रथम दिवस 05 जनवरी को सदज्ञान गंगा शोभा यात्रा एवं भव्य कलश यात्रा, कलश स्थापना, आद्यशक्ति युगशक्ति पर संगीत व प्रवचन होगा। द्वितीय दिवस 06 जनवरी को प्रातः 08ः30 बजे देवपूजन, यज्ञ का ज्ञान-विज्ञान संदेश एव गायत्री महायज्ञ व आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी प्रतिकुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार को विशेष उद्बोधन होगा, इसके पश्चात विवाह संस्कार, संगठनात्मक कार्यकर्ता गोष्ठी, नारी शक्ति सम्मेलन, गीत संगीत, प्रज्ञा प्रवचन, होगा। तृतीय दिवस 07 जनवरी को प्रातः 06 बजे ध्यान साधना व प्रज्ञायोग तथा प्रातः 08 बजे से गायत्री यज्ञ एवं विविध संस्कार होंगे इसके पश्चात युवा चेतना जानरण एवं संध्या 06 बजे भव्य दीप महायज्ञ होगा। चतुर्थ दिवस 08 जनवरी को प्रातः 06 बजे सविता ध्यान साधना तथा प्रातः 08 बजे से गायत्री महायज्ञ एवं पूर्णाहति एवं गायत्री परिवार की संस्थापिका वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दि की तैयारी हेतु न्यूनतम संकल्प साधना, स्वाध्याय, अंशदान, ज्ञानघट, साहित्य एवं पत्रिका विस्तार के बारे में श्रद्धालुजनों को अवगत कराया जायेगा। इस महायज्ञ में सभी संस्कार - पुसंवन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्णछेदन, मुण्डन, विद्यारम्भ, यज्ञोपवित, विवाह, जन्मदिवस व विवाहदिवस तथा गुरुदीक्षा आदि निःशुल्क कराये जायेंगे, जिसके लिये पूर्व पंजीयन अनिवार्य होगा। राष्ट्र जागरण के इस महायज्ञ में हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी होगी।

इसलिए किया जाता है गायत्री महायज्ञ

गायत्री परिवार रायपुर के उपजोन समन्वयक सी.पी. साहू एवं जिला समन्वयक लच्छूराम निषाद ने बताया कि गायत्री महायज्ञ एक धार्मिक अनुष्ठान है, जो गायत्री मंत्र के महत्व को मानते हुए आयोजित किया जाता है. यह यज्ञ विशेष रूप से ध्यान, साधना और सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से किया जाता है. इसमें अग्नि को आहुतियां देकर देवताओं को समर्पित किया जाता है, जिससे मानसिक शुद्धि, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. गायत्री मंत्र का जाप इस यज्ञ का प्रमुख हिस्सा होता है, जो शांति और ऊर्जा का संचार करता है. इसे परिवार, समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए भी किया जाता है. महायज्ञ का आयोजन अक्सर बड़े स्तर पर, सामूहिक रूप से किया जाता है.

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