छत्तीसगढ़

स्व. बलीराम कश्यप स्मृति के नाम बदलने के इरादों पर राजनीतिक ओछेपन का शर्मनाक प्रदर्शन : भारतीय जनता पार्टी

Apurva Srivastav
12 March 2021 6:23 PM GMT
स्व. बलीराम कश्यप स्मृति के नाम बदलने के इरादों पर राजनीतिक ओछेपन का शर्मनाक प्रदर्शन : भारतीय जनता पार्टी
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भारतीय जनता पार्टी ने जगदलपुर के स्व. बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल का नाम बदलने के प्रदेश सरकार के इरादों को उसके राजनीतिक ओछेपन का शर्मनाक प्रदर्शन बताया है।

भारतीय जनता पार्टी ने जगदलपुर के स्व. बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल का नाम बदलने के प्रदेश सरकार के इरादों को उसके राजनीतिक ओछेपन का शर्मनाक प्रदर्शन बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने पूरे कार्यकाल में केवल राजनीतिक प्रतिशोध की लपटों में ही झुलसती नज़र आ रही है। कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने अपने दम पर एक भी ऐसा काम नहीं किया है, जो प्रदेश के लोककल्याण की दृष्टि से मिसाल के तौर पर गिनाया जा सके। साय ने कहा कि भाजपा बस्तर के शहीद कांग्रेस नेता स्व. महेंद्र कर्मा के प्रति अपनी पूरी श्रद्धा व्यक्त करते हुए चाहती है कि स्व. कर्मा की स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार लोककल्याण की कोई और सार्थक योजना उनके नाम पर शुरू करें, हम और हमारी पार्टी इसका स्वागत और समर्थन करेंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की इस कांग्रेस सरकार को जगदलपुर के चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल का नाम बदलने की बड़ी राजनीतिक क़ीमत चुकानी पड़ेगी। प्रदेश सरकार का समूचा राजनीतिक चरित्र 'बदलापुर की राजनीति' से दाग़दार है और इस बार नाम बदलने की बात कहकर प्रदेश सरकार ने अपने आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण दे दिया है। डॉ.सिंह ने सवाल किया कि यह प्रदेश सरकार आख़िर अपने दम पर कोई ठोस काम करने के बजाय कब तक भाजपा शासनकाल की योजनाओं के नाम बदलकर उसे अपनी उपलब्धि बता-बताकर उधार की राजनीतिक साँसों पर चलेगी? स्व. बलीराम कश्यप बस्तर के जननायक थे और उनके नाम पर संचालित चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल का नाम बदलना स्व. कश्यप के राजनीतिक योगदान आदिवासियों की भावनाओं का घोर अपमान है, जिसे क़तई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रदेश सरकार जगदलपुर के चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल का नाम बदलकर न केवल स्व. कश्यप और स्व. कर्मा के साहसिक राजनीतिक व्यक्तित्व का अनादर कर रही है, अपितु बस्तर समेर प्रदेशभर के आदिवासी समुदाय की भावनाओं का मखौल उड़ा रही है।


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