छत्तीसगढ़

स्व-सहायता समूह की महिलाएं गन्ने से अच्छी गुणवत्ता वाली गुड़ बनाकर बनी आत्मनिर्भर

Admin2
16 May 2021 6:52 AM GMT
स्व-सहायता समूह की महिलाएं गन्ने से अच्छी गुणवत्ता वाली गुड़ बनाकर बनी आत्मनिर्भर
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जशपुर जिले में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोठान से जुड़कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से खाद बनाने के साथ ही अन्य आजीविका से जुड़ी है। प्रथम चरण में स्वीकृत गोठान में महिलाएं अनेक गतिविधियों में शामिल होकर आत्मनिर्भर बन रही है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ श्री के एस मंडावी दिशा-निर्देश में ग्राम गेड़ई ग्राम पंचायत रेमने में स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर खरीदी कर वरमी खाद उत्पादन के साथ गोठान को स्वावलंबी बना रही है । समूह की महिलाएं गोठान में गन्ना की खेती की है और अच्छी फसल का लाभ भी उन्हें मिल रहा है । गन्ने से अब महिलाएं गुड़ बनाने का भी कार्य कर रही है । गन्ने और गुड़ से उनको आर्थिक लाभ भी हो रहा है । जनपद सीईओ श्री अनिल तिवारी ने बताया कि समूह को गन्ना पेराई के लिए जिला प्रशासन द्वारा मशीन निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। समूह की महिलाओं ने लगभग 25000 हजार रुपए तक के गुड़ तैयार कर ली है । बाजार में गुड़ की अच्छी खासी मांग है ।

उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में कुल स्वीकृत गोठान 210 है इनमें 189 गोठान के माध्यम से गोबर खरीदी की जा रही है । इनमें जशपुर विकास खंड में 23 मनोरा में 20 दुलदुला 13 कुनकुरी में 24 कांसाबेल 20 फरसाबहार में 29 पत्थलगांव में 42 और बगीचा में 34 और नगरीय निकाय में एक एक कुल 5 गोठान से गोबर खरीदी की गई है।कुल गोबर खरीदी किवंटल 93200.77 किवंटल कुल उत्पादित वरमी खाद की मात्रा किवंटल में 2566.46 विक्रय की गई खाद की मात्रा किवंटल में 2029.11 किवंटल विक्रय की गई प्राप्त राशि 20.25 लाख वरमी टांका वरमी बेड लो कास्ट उपयोग किए गए गोबर की मात्रा किवंटल में 55658.41 है।इसी प्रकार गोठान समिति को लाभांश राशि 10.003 लाख और स्व-सहायता समूह को लाभ 1.765 लाख शामिल हैं।

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