छत्तीसगढ़

पेट्रोल पंप में तैनात सुरक्षा गार्ड की संदिग्ध अवस्था में मौत, जांच में जुटी पुलिस

Shantanu Roy
25 Nov 2022 10:38 AM GMT
पेट्रोल पंप में तैनात सुरक्षा गार्ड की संदिग्ध अवस्था में मौत, जांच में जुटी पुलिस
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छग
रायगढ़। नवदुर्गा फ्यूल्स में नाईट ड्यूटी करने गए एक सिक्यूरिटी गार्ड की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सुबह परिजन जब अस्पताल गए तो मर्च्यूरी रूम में लाश को देख वे भडक़ गए और प्लांट प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे के तौर पर 50 लाख हंगामा करने लगे। ऐसे में कंपनी प्रबंधन ने मृतक के परिवार को तत्काल 50 हजार रुपए और 5 लाख का चेक दिया, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार मूलत: तमनार के ग्राम पंचायत कुंजेमुरा में रहने वाला घनश्याम निषाद पिता स्व. कार्तिक राम निषाद (40 वर्ष) ठेकेदार के मातहत सराईपाली स्थित नवदुर्गा फ्यूल्स प्रायवेट लिमिटेड में सिक्यूरिटी गार्ड था। बुधवार रात 8 बजे से नाईट ड्यूटी होने के चलते घनश्याम अपने घर से देर शाम लगभग 6 बजे ही नवदुर्गा फ्यूल्स जाने निकल गया था। प्लांट में ड्यूटी के दौरान रात तकरीबन 10 बजे अचानक तबीयत बिगड़ते ही घनश्याम का सिर चकराया और वह गिर गया। घनश्याम को गश खाकर गिरते देख अन्य गाड्र्स ने उसे होश में लाने की कोशिश की, मगर कामयाबी हाथ नहीं लगने पर फिर उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। ऐसे में फिर बेहोश घनश्याम को उसके साथी कंपनी के वाहन से देर रात लगभग 12 बजे जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे तो डॉक्टर्स ने प्राथमिक परीक्षण में ही उसे मृत घोषित कर दिया। चूंकि, सुरक्षा गार्ड की मौत संदिग्ध हालत में हुई, इसलिए उसके शव को मच्र्यूरी रूम में रखवाते हुए पुलिस को भी इसकी तहरीर भेजी गई।
इधर, गुरुवार सुबह मृतक गार्ड के साथियों ने निषाद परिवार को फोनकर कहा कि घनश्याम की तबियत खराब है, इसलिए जिला अस्पताल पहुंचो। बदहवास परिजन नबी केजीएच आए तो उनको मच्र्यूरी रूम ले जाकर घनश्याम की लाश दिखाई गई तो वे फूट-फूटकर रोने लगे। फिर क्या, घनश्याम का भाई ईश्वर चंद निषाद नवदुर्गा प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बवाल करने लगा। ईश्वर का कहना था कि प्लांट में उप स्वास्थ्य केंद्र जैसी चिकित्सा सुविधा नहीं है, इसलिए यदि किसी कामगार को आपातकालीन में उपचार के लिए तमनार या रायगढ़ लेकर जाते हैं तो रास्ते मे ही वह दम तोड़ देता है। ईश्वर ने यह भी आरोप लगाया कि नवदुर्गा फ्यूल्स में ड्यूटी के दौरान घनश्याम की जान गई, मगर उनको सूचना रात की बजाए सुबह जब दी गई तो सच्चाई को छिपाया गया। प्लांट परिसर में मेडिकल फैसिलिटी होती तो घनश्याम मरता नहीं, बल्कि जिंदा होता। यही वजह रही कि निषाद परिवार के साथ अन्य लोगों ने अस्पताल में बवाल मचाते हुए नवदुर्गा पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। वहीं, पोस्टमार्टम के दौरान कंपनी प्रबंधन अस्पताल पहुंचा तो उनको देख भडक़े लोग घनश्याम की लापरवाही से हुई मौत के बदले 50 लाख रुपये का मुआवजा मांगने लगे। पुलिस की मौजूदगी में काफी आरोप-प्रत्यारोप के बाद जब कंपनी प्रबंधन ने घटना पर दुख जताते हुए तात्कालिक सहायता राशि के रूप में निषाद परिवार को 50 हजार रुपये नगद तथा 5 लाख का चेक दिया तो मामला सुलट पाया। बहरहाल, पुलिस मर्ग कायम करते हुए अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की राह ताक रही है, ताकि सुरक्षा गार्ड की संदिग्ध मौत का सच सामने आ सके।
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