छत्तीसगढ़

औरों के खयालात की लेते है तलाशी और अपने गिरेबान में झांका नहीं जाता

Nilmani Pal
15 July 2022 5:42 AM GMT
औरों के खयालात की लेते है तलाशी और अपने गिरेबान में झांका नहीं जाता
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ज़ाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

पिछले दिनों यूपी के सीएम योगी ने लखनऊ में एक माल का उद्घाटन किया। जो चुनाव जीतने से पहले 80-20 का राग अलाप रहे थे। सीएम योगी ने बकायदा लूलू माल के उद्घाटन कर संदेश दिया कि व्यवसायिक और राजनीतिक पक्ष दोनों अलग-अलग मुद्दे है। जो देश के विकास में योगदान दे रहे है वो 20 से ऊपर है। रहा सवाल 80 का तो वह योगी के पास बरकरार है। जनता में खुसुर -फुसुर है कि कुर्सी मिलने के बाद सभी भारतीय हो जाते है। वहां जातीय मुद्दा नगण्य हो जाता है। यही राजनीति का सबसे उज्ज्वल पक्ष है जो सबका साथ और सबका विकास करता है। इसी बात पर शायर मुजफ्फर वारसी का शेर याद आता है कि औरों के खयालात की लेते है तलाशी और अपने गिरेबान में झांका नहीं जाता।

सांसदों को नया ओएसडी रखना पड़ेगा

अपने बेबाक सवाल जवाब के लिए विख्यात सांसदों को अब असंसदीय शब्दों से परहेज करना होगा। विपक्ष के हंगामें के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बयान दिया है कि उन्होंने कहा कि शब्दों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। केवल असंसदीय घोषित किया है। प्रक्रिया के तहत ये फैसला लिया गया है। सूची में राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही से हटाए गए जिन शब्दों और वाक्यों को शामिल किया गया है उनमें अंट-शंट, अनपढ़, अनर्गल, अनार्किस्ट, उच्क्के, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,औकात, कांव-कांव करना, गिरगिट, गुलछर्रा, घडिय़ाली आंसू, घास छिलना, चोर-चोर मौसेरे भाई, ठग, ठगना, ढिंढोरा पीटना, तड़ीपार, तलवे चाटना, धोखाधड़ी,नाटक आदि शामिल है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि यह तो माननीयों के मूलभूत अधिकार का हनन होगा। क्योंकि जिस तरह से सदन में सदस्य हंगामा मचा कर अपने लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते थे, अब प्रतिबंध लगने के बाद एक ओएसडी अलग से शब्दों के लिए रखना पड़ेगा कि कब किस शब्द की जगह क्या बोला जाए।

मदिरा प्रेमी टेंशन में

प्रदेश में सरकार शराबबंदी के लिए समिति गठित की है, उसका तो आज तक कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाया। लेकिन भूपेश सरकार ने किसी से कुछ कहे बिना ही राजस्व घाटे के नाम पर शराब पर 10 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लिया है वह शराबबंदी की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। सरकार शराब के दाम में दस प्रतिशत वृद्धि कर राजस्व घाटा को पूरा करने का मन बना लिया है। आबकारी राजस्व लक्ष्य व गौठान के विकास तथा अन्य विकास गतिविधियों के लिए अतिरिक्त राशि की प्रतिपूर्ति के लिए अतिरिक्त आबकारी शुल्क में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मदिरा प्रेमी ये सोच कर दुबले हो रहे है कि पहले तो एक में तीन का जुगाड़ कर लेते थे, अब तो एक में छै करना पड़ेगा, कहां से लाएंगे

राजनीति जो कराए वो कम

सियासत में नेताओं के विचारों में जिस तरह एकमत नहीं होता, वैसे ही अब जाति समुदाय के नाम पर तेरा-मेरा का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस में आदिवासी राष्ट्रपति बनाने के लेकर बहस छिड़ा हुआ है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपाईयों को यदि आदिवासियों की इतनी चिंता होती तो छत्तीसगढ़ कैडर वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाते तब समर्थन देते। इससे पहले राजनीति में मेरा आदिवासी तेरा आदिवासी का मुद्दा उठ गया है। भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों से अपील का है कि वह द्रोपदी मुर्मू को वोट करें। इसके बाद कांग्रेस संगठन ने सह राग अलापना शुरू कर दिया कि द्र्रोपदी हमारी आदिवासी नहीं है। वो एनडीए प्रत्याशी है वोट देने का सवाल ही नहीं उठता है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि नेता अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकते है। आदिवासी आदिवासी होता है उसके अलावा कुछ नहीं होता है उसे भी नेताओं ने तेरा-मेरा में बांट कर राजनीति की शुचिता को गंदी कर दी है। राजनीति में कुछ भी हो सकता है भैया।

पेसा कानून से फायदा किसे

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जिस तरह आदिवासी मुद्द् को लेकर बड़ी-बड़ी बहस हो रही है वहीं मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्षने पेसा कानून का अनुमोदन करने पर सीएम के प्रति आभार माना है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पांचों अंगुलियों एक समान नहींं होती है कोई छोटा और कोई बड़ा होता है। इसलिए अपने मतलब के लिए अंगुली करते है। क्योंकि जितना बडा़ मुद्दा होगा, उतनी बड़ी अंगुली होती है ऐसा माना जाता है।

गोबर के बाद अब गौमूत्र की महिमा

छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर के बाद अब गौमूत्र खरीदी का अहम फैसला लिया है। जिसकी शुुरूआत 20 जुलाई से होने वाली है। रायपुर जिले के तीन गौठानों से इसकी शुरूआत होने वाली है। गौ पालकों के लिए भी यह आय का सबसे बड़ा जरिया बनने वाला है। सरकार ने चार रुपए लीटर से खरीदी का रेट तय की है। मुख्यमंत्री भूूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम में यह घोषणा की थी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि गोबर की सफलता के बाद सरकार अब राज्य को जैविक खाद और फर्टिलाइजर की ओर आगे बढ़ा रहा है। गौ मूत्र से बायो फर्टिलाइजर और बायो इनसोक्टिवसाइड तैयार किए जाते है। गौ मूत्र में यूरिया सहित अनेक मिनरल और इंजाइम्स भी होते है।

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