एसडीएम को 6 लाख का जुर्माना, अदालत ने कहा - 30 दिनों के अंदर जमा करे
सरगुजा। सरगुजा में जमीन डायवर्सन के मामले में जानबूझकर आवेदन को लटकाने और आवेदक को मानसिक रूप परेशान करने का मामला सामने आया है. स्थायी लोक अदालत की अध्यक्ष ने इस मामले में सुनवाई के बाद एसडीएम अंबिकापुर पर छह लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की रकम एसडीएम को 30 दिनों के अंदर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं
कोर्ट ने यह माना है कि आवेदक के प्रकरण का जानबूझकर निराकरण नहीं किया जा रहा था. जब कोर्ट के फैसले का समय आया तो कार्रवाई से बचने के लिए एसडीएम ने कोर्ट को जवाब प्रस्तुत करने के बजाए डायवर्सन आदेश में साइन कर उसकी प्रति लगा दी. न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देवीगंज रोड निवासी अधिवक्ता मृगेंद्र सिंहदेव ने 28 फरवरी को आवेदन पेश किया था. यह आवेदन सरगवां में स्थित भूखंड 71 के रकबा 16315.43 वर्गमीटर भूमि में कॉलोनी निर्माण कराने डायवर्सन के लिए एसडीएम के समक्ष दिया गया था. मृगेंद्र सिंहदेव ने कालोनी निर्माण के लिए ग्राम सभा से अनापत्ति प्रमाण पत्र, कॉलोनाइजर लाइसेंस, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश की स्वीकृति की प्रति, नक्शा, खसरा, बी1 सहित अन्य दस्तावेज पेश किए थे.नियमतः नगर तथा ग्राम निवेश के अभिमत के साथ व्यपवर्तन के लिए आवेदन मिलने के बाद एसडीएम को 15 दिनों के भीतर व्यपवर्तन आदेश देना है. अथवा उसे निरस्त करना है. लेकिन एसडीएम प्रदीप साहू ने ना ही डायवर्सन किया और ना ही आवेदन को निरस्त किया.
एसडीएम के निर्देश पर आंतरिक विकास व्यय की आंकलित राशि का पांचवा हिस्सा आवेदक से जमा कराया गया. इसके साथ ही यह शपथ पत्र लिया गया कि आंकलन राशि वास्तविक लागत से कम पाई जाती है तो अंतर की राशि जमा की जाएगी. शपथ पत्र देने के बाद भी एसडीएम ने डायवर्सन नहीं किया.