भिलाई bhilai news। जिस तरह थनोद की पहचान मूर्तिकारों कि गांव के रूप में है, ठीक इस तरह दुर्ग जिले का एक गांव रावण के पुतले बनाने के लिए भी फेमस है। जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कुथरेल गांव, जहां बच्चा-बच्चा रावण का पुतला बनाना जानता है। भिलाई दुर्ग सहित छत्तीसगढ़ के कई शहरों में दशहरे पर होने वाले रावण दहन के लिए पुतले कुथरेल के डॉक्टर जितेंद्र साहू ही तैयार करते हैं।
डॉ जितेंद्र साहू बताते हैं कि, उनके दादा ने यह काम शुरू किया था फिर उनके पिता ने इसे आगे बढ़ाया और अब वह इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस बार वे 30 से ज्यादा समितियों के लिए रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले तैयार कर रहे हैं। chhattisgarh news
उन्होंने बताया कि, गांव में जगह कम होने की वजह से रावण के चेहरे बनाने का काम घर में करते हैं और शरीर का पूरा स्ट्रक्चर भिलाई के दशहरा मैदान में तैयार करते हैं। chhattisgarh