छत्तीसगढ़

चिरायु अतंर्गत जन्मजात हृदय रोग स्क्रीनिंग शिविर में 34 बच्चों की जांच

Shantanu Roy
4 Jan 2023 5:22 PM GMT
चिरायु अतंर्गत जन्मजात हृदय रोग स्क्रीनिंग शिविर में 34 बच्चों की जांच
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छग
दुर्ग। जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चों की जांच के लिए विशेष स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम व सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधिक्षक डॉ. योगेश कुमार शर्मा के सफल मार्गदर्शन मे एवं डॉ. दिव्या श्रीवास्तव नोडल अधिकारी आर.बी.एस.के, जिला प्रोग्राम मैनेजर पद्माकर शिंदे के नेतृत्व मे डी.ई.आई.सी जिला चिकित्सालय, दुर्ग में चिकित्सालय के स्पेशिलिस्ट चिकित्सक डॉ. समीत राज प्रसाद शिशु रोग विशेषज्ञ, एस.एम.सी हार्ट इंस्टीटयुट के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय चौरसिया एंव डॉ. गौरव जैन के सहयोग से आयोजित शिविर में जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित 34 बच्चों की जांच की गई। जिसमे से सर्जरी हेतु 3 बच्चों को चिन्हांकित किया गया। 1 वर्ष बाद 16 बच्चों की पुनः जांच की जाएगी। 15 बच्चों की ईको रिपोर्ट नार्मल पाई गई।
इसके अलावा अन्य बिमारी के 9 बच्चे का पंजीयन हुआ। जिसमे 3 बच्चों को नेत्र संबधी समस्या थी जिन्हे चश्मा हेतु पंजीकृत किया गया,1 जन्मजात बधिरता के बच्चे का ई.एन.टी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. रिनु तिवारी द्वारा आगे उपचार हेतु परामर्श एंव ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद का 1 बच्चा मिला जिसका जिला चिकित्सालय के नेत्र विभाग के नेत्र विशेषज्ञ द्वारा उपचार हेतु परामर्श तथा 4 अन्य बिमारी के बच्चो को शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा परामर्श एंव उपचार हेतु पंजीकृत किया गया। अप्रैल 2022 से अब तक 69 बच्चो का चिरायु योजना के अंर्तगत डी.ई.आई.सी मे पंजीकृत आयुष्मान भारत योजना के तहत जिसमे 5 बच्चे का कॉकलियर इंप्लांट हुआ है जिनका निरंतर स्पीच थैरेपी डी.ई.आई.सी मे दिया जा रहा है ताकि वह बच्चे अन्य सामान्य बच्चों की तरह सुन पायेंगे व सामान्य जिन्दगी जी पाएंगे। 35 बच्चे का जन्मजात हृदय रोग की जटील सर्जरी कराई गई। जिला चिकित्सालय दुर्ग मे नेत्र विभाग के नेत्र सर्जन डॉ. कल्पना जेप द्वारा 8 बच्चों का जन्मजात मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया, 11 बच्चों का कटे-फटे होठ एंव तालु का, 10 बच्चों की हर्निया एंव युरोजनाईटल की सर्जरी निःशुल्क कराई गई है। 69 बच्चे जिनको जन्मजात विकृती थी, वे चिरायु की मदद से अब सामान्य जिन्दगी जी सकेंगे। इस केम्प को सफल बनाने में डी.ई.आई.सी टीम एंव चिरायु दल का विशेष योगदान रहा।
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