छत्तीसगढ़ पहुंचे वैज्ञानिक दे रहे पर्यावरण बचाने का संदेश, निकले है साइकिल यात्रा में
बिलासपुर। स्लोवाकिया और जर्मन के दो इकोलॉजिस्ट हन्ना ओलीस और जोनास सोमर जर्मनी से सिंगापुर तक 20 से अधिक देशों की 20 हजार से ज्यादा किलोमीटर लंबी साइकिल यात्रा पर निकले हैं। मंगलवार को दोनों छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जंगल मितान और नेचर पीपल नेटवर्क के साथ मरवाही, पेन्ड्रा, अमरकंटक, केंवची, लमनी, छपरवा के जंगलों में गए और पौधरोपण भी किया। दोनों प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के अनूठे उदाहरणों की खोज करने और वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संतुलन की स्थिति जानने के लिए यात्रा कर रहे हैं।
जर्मनी से दक्षिण पूर्व एशिया की ओर अपनी साइकिल यात्रा शुरू करते हुए दोनों इकोलॉजिस्ट ने इस यात्रा को बाइकिंग फॉर बायोडायवर्सिटी का नाम दिया है, जिसके अंतर्गत वे पर्यावरण प्रेमियों संरक्षण वादियों शोधकर्ताओं और अन्य स्थानीय लोगों की ओर से बताई गई बातों का डॉक्यूमेंटेशन करते हैं। इसके साथ ही स्थानीय जैव विविधता को बचाने के लिए किए जा रहे काम को भी देख रहे हैं।
दोनों साइकिल यात्री इकोलॉजिस्ट मंगलवार को बिलासपुर प्रेस क्लब भी पहुंचे और अपनी यात्रा के अनुभव को साझा किया। इस दौरान उन्होंने बिगड़ती पर्यावरण की स्थिति पर चिंता जाहिर की। उनके साथ छत्तीसगढ़ जंगल मितान के अध्यक्ष अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी और द नेचर पीपल नेटवर्क के संस्थापक श्रेयांश बुधिया भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि जर्मनी से जोनास सोमर स्लोवाकिया की हन्ना ओलीस ने अप्रैल 2022 से कई देशों की साइकिल यात्रा शुरू की है।