नक्सली हिड़मा के गांव में खुला स्कूल, नाम रखा गया "CRPF गुरुकुल"
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सुकमा. बस्तर की तस्वीर अब बदलने लगी है. सीआरपीएफ 150वीं बटालियन ने नक्सलियों के टॉप कमांडर हिडमा के गांव में सीआरपीएफ गुरुकुल की शुरुआत की है, जहां आदिवासी बच्चे अपना भविष्य गढ़ रहे हैं. वहीं सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने सुरक्षा बलों के जवान लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे.
सालभर पहले सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन ने सुकमा के अति नक्सल प्रभावित पूवर्ती और टेकलगुडियम में बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से गुरुकुल शुरू किया था. यहां 50 से ज्यादा बच्चे पहुंच रहे हैं. सीआरपीएफ की पहल से अब नक्सल प्रभावित गांव पूवर्ती व टेकलगुडियम के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. इस गांव में सुरक्षा बलों का कैंप भी खोला गया है, जिसका नक्सलियों ने विरोध किया था. गुरुकुल में टाइलेट, बाथरूम एवं हैंडपंप जिला प्रशासन से स्थापित किए जाने की संभावना है.
साथ ही भविष्य में इसे बारहवीं कक्षा तक ले जाने का भी प्रयास किया जाना है. 150वीं वाहिनी CRPF के एसएस हाॅकीप द्वितीय कमान अधिकारी, विकास कुमार राय द्वितीय कमान अधिकारी, अमरेश्ज्ञ कुमार घोष उप कमांडेंट, भैरव प्रसाद उप कमाडेंट, अजय त्यागी सहायक कमांडेंट, मुकेश कुमार सिंह सहायक कमांडेंट, चंद्रप्रकाश तिवारी सहायक कमांडेंट, रवि चंदर सहायक कमांडेंट,राकेश कुमार शर्मा सहायक कमांडेंट की देखरेख में अति-संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सीआरपीएफ गुरुकुल का संचालन किया जा रहा है.