छत्तीसगढ़

स्कूली बच्चे बने कलेक्टर और एसपी, एक दिन के लिए संभाला पदभार

Nilmani Pal
19 Nov 2021 10:42 AM GMT
स्कूली बच्चे बने कलेक्टर और एसपी, एक दिन के लिए संभाला पदभार
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छत्तीसगढ़

पेंड्रा। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एक दिन के लिए प्रशासन की बागडोर 22 बच्चों के हाथ में थी। कलेक्टर, SP, DFO समेत विभिन्न पदों की जिम्मेदारी स्कूली बच्चों को दी गई। कलेक्टर की कुर्सी पर बैठी छात्रा ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को विकास के काम करने के निर्देश दिए। वहीं बाल SP ने जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा। DFO ने भी जंगलों की कटाई पर रोक लगाने और जंगली जानवरों के संरक्षण करने अफसरों को निर्देशित किया। इसी तरह जिले के 22 अलग-अलग पदों पर बच्चे बैठे और उन्होंने सरकारी कामकाजों को करीब से देखा।

एक दिन के लिए कलेक्टर बनी आकृति नासरी ने कलेक्टर नम्रता गांधी के साथ पूरा समय बिताया। कलेक्टर नम्रता ने आकृति को जिला प्रशासन के सारे कामों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह से एक कलेक्टर का दायित्व होता है। काम करने के तरीके बताए। साथ ही IAS अफसर बनने के लिए पढ़ाई के बारे में भी बताया। आकृति ने कहा कि, मैं पढ़ लिख कर अब IAS अफसर ही बनूंगी।

दरअसल, जले में जिला प्रशासन ने बाल दिवस सप्ताह के दौरान सरकारी काम-काज की प्रक्रिया समझाने और सीखने के उद्देश्य से स्कूली बच्चों को 17 एवं 18 नवंबर को 2 दिन के लिए बाल प्रशासक बनाया था। बाल प्रशासकों को कलेक्टर, SP, DFO, स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, PWD समेत 22 जिला स्तरीय और 22 ब्लॉक स्तरीय अफसरों की जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले सभी बच्चों को कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित किया गया जिसके बाद उनके कार्यालयों के लिए उन्हें रवाना किया गया।

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