रायपुर में विद्वान पं. अंश शास्त्री ने दी धर्म और नैतिकता की शिक्षा
रायपुर। श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में आज के श्रमण संस्कार शिक्षण शिविर में सांगानेर से आए विद्वान पं. अंश शास्त्री और पं. आदिश शास्त्री ने बच्चों-बड़ों सभी को धर्म और नैतिकता की शिक्षा दी। उन्होंने बताया कि इस आधुनिकता के युग में बढ़ती हुई बीमारियों की सबसे बड़ी वजह है बच्चों का घर से अधिक बाहर का फास्ट फूड पसंद कर सेवन करना। बच्चे को घर से ज्यादा आज बाजार के खाने की आदत डाल दी गई है। आज हर एक बच्चा चाहे वह छोटा हो या बड़ा सभी बाहर के खाने की ओर आकर्षित होते हैं और अपनी जिह्वा की लुलुपता के कारण ही बढ़ते हुए रोगों का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि रोगों की मुख्य जड़ भोजन है। जैसा भोजन होगा, वैसा ही व्यक्ति का मन होगा। एक कहावत भी है कि “जैसा खाए अन्न वैसा होवे मन“। हम आज जो बच्चों को खिला रहे हैं वह उसकी बॉडी के अनुसार, उसकी पाचन शक्ति के अनुसार है भी या नहीं यह एक विचारणीय बिंदु है। अब छोटे-छोटे से बच्चों को मैगी, नूडल्स, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि खिलाते हैं क्या यह खाने योग्य पदार्थ है। हम कितना ही देखते हैं कि किस प्रकार एक ब्रेड को बनाया जाता है। व्यक्ति को स्वयं से सोचना चाहिए जब हम घर में भोजन बनाते तो इतनी सावधानियाँ बरतने के बाद भी कुछ ना कुछ उस खाने में कभी-कभी गिर ही जाता। फिर उस फैक्ट्री का विचार करे जहाँ क्विंटलों में पूरे देश भर में वह पदार्थ बन कर का बाजार में बिकता है। क्या उसमें इतनी शुद्धता होगी? कभी नहीं हो सकती।
पं. अंश और पं. आदिश ने कहा कि, यदि आप एक-एक अभिभावक है तो आप अपने बच्चे को बाजार के मिल रहे फास्ट फूड वगेहरा नहीं खिलाएँगे। आपको चाहिए की आप उस चीज को स्वयं घर में बनाए। आज हर एक चीज खाने संबंधित घर में बड़ी आसानी से बनाए जा सकती है। आज शिविर में आए अभिभावक और बच्चों सभी ने पंडित जी की बातें ध्यान सें सुनी। सभी उपस्थित महिलाओं ने अपने बच्चों को शुरुआत में सप्ताह में एक दिन फास्ट फूड के त्याग का नियम भी लिया। साथ ही भविष्य में बाहरी फास्ट फूड ना खाने के लिए पूरा प्रयास सभी की ओर से किया जाएगा।