छत्तीसगढ़

घोटाला: सीईओ ने सरपंच और सरपंच पति के खिलाफ जांच के निर्देश दिए

Nilmani Pal
10 May 2022 5:43 AM GMT
घोटाला: सीईओ ने सरपंच और सरपंच पति के खिलाफ जांच के निर्देश दिए
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गरियाबन्द। ग्रामवासी ग्राम पंचायत जरगांव द्वारा जिला पंचायत गरियाबंद में शिकायत प्रस्तुत किया कि सरपंच व सरपंच पति द्वारा पंचायत में पंचों व ग्राम के नागरिकों की बात को अनसुना करते हुए प्रस्ताव में पंचों व ग्रामीणों को शामिल नही किया जाना एवं शासकीय योजनाओं, मूलभूत, 14वें एवं 15वें वित्त योजना के दिशा-निर्देश का उल्लघंन कर अपनी मनमानी से कार्य करते हैं एवं फर्जी जी.एस.टी. बिलों के माध्यम से चहेते दुकानदारों को भुगतान करवाया जाता है। यदि कोई उक्त संबंध में शिकायत करता है तो उनको आदिवासी एक्ट के तहत फसाने की धमकी दी जाती है। उक्त शिकायत समस्त ग्रामवासी जरगांव द्वारा टी.एस. सिंहदेव जी पंचायत मंत्री छ.ग. शासन के समक्ष भी की गयी है।

कार्यालय जिला पंचायत गरियाबंद द्वारा प्राप्त शिकायत की जांच हेतु जिला स्तरीय समिति गठित कर जांच करायी गयी। जिसमें पूर्व सरपंच (वर्तमान सरपंच पति) एवं पूर्व सचिव द्वारा मूलभूत मद से 2,65,000 रूपये, 14वें वित्त मद से 1,15,000 रूपये का भुगतान किया गया किन्तु कार्यस्थल पर कार्य दिखाया नही गया। वर्ष 2016-17 में एस.बी.एम. के तहत 11 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की राशि 1,32,000 रूपये , जनपद पंचायत विकास निधि मद से गली कांकीटीकरण हेतु 1,00,000 रूपये अतिरिक्त भुगतान जैसे कई अनियमितताएं पायी गयी। वर्तमान सरपंच श्रीमती नीलम ध्रुव द्वारा 1,00,000 रूपये सेनेटाईजर एवं मास्क हेतु, ग्राम रवेली में नल-जल सामग्री हेतु 55,310 रूपये , 4,28,000 रूपये पंचायत भवन बाउन्ड्रीवाल हेतु बिना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के व्यय किया गया। साथ ही ग्राम पंचायतों के पर कार्य नही हो मूलभूत कार्य हेतु 2,00,000 रूपये का भुगतान किया गया परन्तु स्थल पर नही होना पाया गया।

अतएव जांच प्रतिवेदनानुसार धारा 92 के तहत पूर्व सरपंच (वर्तमान सरपंच पति) बाबूलाल ध्रुव एवं पूर्व सचिव से 6,12,000 रूपये की वसूली तथा वर्तमान सरपंच नीलम ध्रुव एवं सचिव रामचंद्र धुव से वसूली हेतु तथा सरपंच नीलम ध्रुव के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत कार्यवाही करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (रा) छुरा को आदेशित किया गया है। कार्यालय जनपद पंचायत छुरा द्वारा ग्राम पंचायत जरगांव के पूर्व सरपंच बाबूलाल ध्रुव पूर्व में भी विभिन्न योजनाएं जैसे कि मूलभूत योजना, 14वें वित्त एवं 15वें वित्त एवं मनरेगा के निर्माण कार्यों में नियम को तोड़कर भ्रष्टाचार किये जाने के संबंध में शिकायत की जांच जनपद पंचायत द्वारा गठित संयुक्त जांच टीम द्वारा की गयी। जिसके प्रतिवेदन अनुसार पूर्व सरपंच बाबूलाल ध्रुव के कार्यकाल वर्ष 2018-19 के पूर्व का रिकार्ड पंचायत में उपलब्ध ही नही होना, बिना प्रस्ताव के राशि का भुगतान करना व कार्य कराये बिना ही फर्जी व्हाउचर प्रस्तुत करना वित्तीय अनियमिता एवं भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करता है जिसके लिए पूर्व सरपंच एवं वर्तमान सरपंच के विरूद्ध 8,12,662 रूपये की वसूली की कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छुरा द्वारा पत्र लेखन किया गया है।

इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोक्तिमा यादव ने कहा कि-

ग्राम पंचायत जरगाव में विगत 3-4 वर्षों के निर्माण काम मे अनियमितता की शिकायत ग्रामवासियों द्वारा की गई थी। जिसकी प्रारभिक जांच जनपद द्वारा की गई जिसमें अनियमितता पाई गई, तत्पश्चात ज़िला पंचायात की टीम द्वारा भी इसमें पुनः जांच की गई। जिसमे विभिन्न निर्माण कार्यो में अनियमितता, 15 वे वित्त की राशि का आहरण पर काम न होना आदि पाया गया। ग्रामीणों की उक्त शिकायत तत्कालीन कलेक्टर द्वारा समय सीमा प्रकरण के लिए टीप किया गया था। अतः उक्त जांच उपरांत पूर्व सरपंच व वर्तमान सरपंच के विरुद्ध धारा 92 में वसूली हेतु अनुविभागीय अधिकारी को प्रकरण भेजा गया । वर्तमान सरपंच के विरुद्ध धारा 40भी प्रस्तावित किया गया है।दोनों सचिव पूर्व व वर्तमान के विरुद्ध डी ई संस्थित की गई है।

अनुविभागीय अधिकारी द्वारा वसूली प्रकरण ज़िला पंचायत से जाँच उपरांत , वसूली निकलने के उपरंत ही किया जा रहा है । अनुविभागीय अधिकारी छुरा ने कहा कि उक्त शिकायत जांच व अनियमितता के संबंध में प्रकियाधीन प्रकरण में सहयोग ना करते हुए वसूली से बचने के उद्देश्य से न्यायालय व न्यायपालिका की छवि को धूमिल किया जा रहा है।

अनुविभागीय अधिकारी छुरा द्वारा विधिवत न्यायलयीन कार्यवाही की जा रही थी, जिस दौरान गर्मी के चलते सरपंच बेहोश हो गई। तत्पश्चात उन्हें हॉस्पिटल में तत्काल इलाज के लिए अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ही भेजा गया।इस दौरान कहीं पर पैसा मांग करने तथा प्रताड़ना करने की तथ्यात्मक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः इस सम्बंध में कतिपय वेबपोर्टल एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पूर्णतः तथ्य से परे ,भ्रामक और न्यायालय की गरिमा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास है। जाँच प्रक्रिया एवं वसूली की प्रक्रिया नियमानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर किया जा रहा है।

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