छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में सहकारिता बचाओ आंदोलन 30 मई को

Nilmani Pal
28 April 2023 3:17 AM GMT
छत्तीसगढ़ में सहकारिता बचाओ आंदोलन 30 मई को
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रायपुर। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आज दिनांक 27 अप्रैल 2023 को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर बोरियाकला में आहूत की गई थी। बैठक में सबसे पहले अरनपुर के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। उक्त बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, सहकारिता प्रकोष्ठ प्रभारी देवजी भाई पटेल, प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी तथा प्रदेश संयोजक सहसंयोजक प्रवीण कुमार दुबे का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। बैठक में प्रदेश के पदाधिकारी एवं सभी जिलों के संयोजक-सहसंयोजक उपस्थित थे। उक्त बैठक में कांग्रेस सरकार द्वारा सहकारिता आंदोलन को खत्म करने का जो कार्य किया जा रहा है, उसके विरोध में राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि आगामी माह 5 मई से 20 मई तक सभी सहकारी समितियों में भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों एवं सहकारिता के मुद्दों को लेकर सहकारिता चौपाल आयोजित की जाएगी। साथ ही 30 मई 2023 को प्रदेश के सभी जिलों में सहकारिता बचाओ आंदोलन का आयोजन किया जाएगा।

बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने सहकारिता कार्यकर्ताओं का आहवान किया कि सहकारिता से जुड़े लाखों किसानों एवं इससे जुड़े सदस्यों को एकजुट कर सहकारिता एवं किसानों के मुद्दों को लेकर उनके बीच जाकर एक व्यापक आंदोलन खड़ा करें। केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता के उत्थान हेतु 300 योजनाओं का जनता तक व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए एवं उसका लाभ जनता को दिलाया जाए। पैक्स के द्वारा पेट्रोल एवं गैस वितरण का प्रावधान किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार की अनीतियों से सहकारी समिति एवं किसानों को अवगत करायें।

सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी देवजी भाई पटेल ने बैठक में कहा कि गुणवत्ता विहीन वर्मी कंपोस्ट की अनिवार्य खरीदी के संबंध में रायगढ़ के किसान द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए निर्णय लिया कि वर्मी कंपोस्ट के अनिवार्य के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इस निर्णय से छत्तीसगढ़ के किसानों भाइयों को कांग्रेस सरकार के जबरिया बोझ से छुटकारा मिलेगा।

किसान का यह भी कहना था कि गोबर खाद में 5 रुपए का कमीशन का खेल चल रहा है क्योंकि गोठानों द्वारा पर्याप्त वर्मी कंपोस्ट की मात्रा नहीं होने के कारण इसे निजी संस्थाओं से खरीदा जा रहा है। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि पूर्व में कांग्रेस सरकारों में किसानों पर बोझ डाला जाता था, जब 15 प्रतिशत ब्याज दर में ऋण दिया जाता था जिसे भाजपा सरकार ने शून्य प्रतिशत देने का कार्य किया। पूर्व में एलडीबी बैंक द्वारा किसानों की भूमि एवं संपत्ति की नीलामी की जाती रही।

प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान सरकार सहकारी सोसायटी मे चुनाव से भाग रही है। सहकारी संस्थाओं का चुनाव लंबित है और अनियमित ढंग से अवैधानिक ढंग से सोसाइटी में तथा सहकारी बैंकों में अशासकीय व्यक्तियों को बैठाकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रदेश के लगभग सभी सहकारी समितियों में प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है एवं सभी जगह कांग्रेस के सदस्यों को उपयोग करने का कार्य किया जा रहा है। धान खरीदी में कहीं टोकन के नाम पर किसानों से अवैध वसूली की जा रही है, तो कहीं गिरदावरी के नाम पर रकबा की कटौती की जा रही है तथा ज्यादा नमी दिखाकर धान का ज्यादा तौल किया जा रहा है एवं राईस मिलर द्वारा फटी पुरानी बरदानो की आपूर्ति की जा रही है। जिससे सोसायटी दिनों दिन घाटे में जा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा सरकार में प्रति मानक बोरा 2500 रुपए के साथ-साथ बोनस भी 4000 से 12000 रुपए तेंदूपत्ता खरीदी के लिए दिया जाता था लेकिन भूपेश सरकार में केवल 4000 प्रति मानक बोरा दिया जा रहा है। ग्राहकों के साथ अन्याय है। तेंदूपत्ता संग्रहण को परिवार को जीवन बीमा की राशि विगत 4 वर्षों से नहीं दिया गया है एवं उनको बीमा का लाभ तथा उनके बच्चों को छात्रवृत्ति जो भाजपा शासनकाल में दी जा रही थी। साथ-साथ चरण पादुका भी महिलाओं को साड़ी आज नहीं दिया जा रहा है। लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित संजीवनी केंद्रों के संचालन का दायित्व सहायता समूह देने की मांग की गई।

उन्होंने कहा कि इस कार्यसमिति के माध्यम से हम कांग्रेस सरकार को आगाह करते हैं कि वह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएं एवं सहकारिता का सरकारीकरण बंद करें। यह कार्यसमिति समस्त सहकारी साथियों को एवं भाजपाजनों का आह्वान करती है कि वह कांग्रेसी विफलताओं एवं कुनीतियों को जन-जन तक पहुंचाने में पूरी ऊर्जा के साथ स्वयं को अर्पित करें। जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजय पताका फहराने में सहकारिता प्रकोष्ठ की अहम भूमिका बन सके।

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