छत्तीसगढ़

सट्टा: गोवा से देते थे लाइन...राजधानी के चार सटोरिये सपड़ाए

Nilmani Pal
13 Oct 2020 6:49 AM GMT
सट्टा: गोवा से देते थे लाइन...राजधानी के चार सटोरिये सपड़ाए
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रायपुर पुलिस पिछले एक महीने से दावा कर रही थी कि छापों के डर से यहां के बड़े आईपीएल सटोरिए देश के दूसरे शहरों में सुरक्षित ठिकानों पर जम गए हैं और वहीं से रायपुर में सट्टा चला रहे हैं

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। रायपुर पुलिस पिछले एक महीने से दावा कर रही थी कि छापों के डर से यहां के बड़े आईपीएल सटोरिए देश के दूसरे शहरों में सुरक्षित ठिकानों पर जम गए हैं और वहीं से रायपुर में सट्टा चला रहे हैं। इसकी पुष्टि तब हुई, जब गोवा पुलिस ने रविवार को पणजी के तेलीगांव कस्बे के एक फ्लैट में छापा मारकर रायपुर के 4 लड़कों को गिरफ्तार कर लिया। इनके लैपटॉप की जांच हुई, तब ऑनलाइन सट्टे का मामला फूटा। गोवा पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि रायपुर के सटोरियों ने और किन-किन शहरों में डेरा डाल रखा है। राजधानी में पुलिस ने पिछले 15 दिन में दर्जनभर से ज्यादा सटोरियों को पकड़ा, जो आईपीएल का ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे। लेकिन ये सारे लोग वह हैं, जिन्होंने किसी न किसी बड़े सटोरिए से लाइन ले रखी थी। पुलिस को इन बड़े सटोरियों की तलाश थी, लेकिन रायपुर में किसी का लोकेशन नहीं था। यह बात आ रही थी कि यहां के सटोरियों ने मुंबई, पुणे और गोवा समेत कुछ शहरों में डेरा डाला है और गेम वहीं से चला रहे हैं। गोवा पुलिस ने जब तेलगांव के चामुंडा अपार्टमेंट में छापा मारा, तब इस खेल का खुलासा हुआ। अपार्टमेंट से रायपुर के रणजोत सिंह छाबड़ा, सुनील मोटवानी, कपिल तोलानी और विनय गंगवानी पकड़े गए। पूछताछ में पता चला कि चारों ढाई माह से गोवा में फ्लैट किराए से लेकर रह रहे हैं। यह फ्लैट 50 हजार रुपए महीने के किराए पर लिया गया था। चारों इन दो महीने में दो-तीन बार ही फ्लैट से बाहर निकले। फ्लैट में ही सटोरियों ने हर चीज अरेंज कर रखी थी।

सट्टा माफिया हो रहे मालामाल

आईपीएल में सट्टा माफिया मालामाल हो रहे हैं। सट्टे का खेल शून्य से लेकर नौ नंबर तक चलता है और नेट पर एक ही नंबर आता है। इससे नौ नंबरों का रुपया उन्हें सीधा-सीधा बच जाता है। जिस खिलाड़ी का नंबर फंसता है, वह इसमें खुश हो जाता है कि उसे दस के 80 मिल गए, लेकिन बाकी खिलाडिय़ों के डूबने वाले रुपये सट्टा माफियाओं की जेब में जाते हैं। रायपुर में जब से आईपीएल शुरू हुआ है, तब से पुलिस ऑनलाइन सट्टे पर छापे मार रही है। अब तक 22 से ज्यादा सटोरियों को गिरफ्तार किया गया है, इसलिए बड़े सटोरियों ने शहर छोड़ दिया है। कुछ राज्य के बाहर चले गए हैं और दूसरे शहरों से आपरेट कर रहे हैं। अधिकांश सटोरिए एक से दो माह पहले ही वहां शिफ्ट हो गए हैं। रायपुर में उनकी वसूली के लिए अलग एजेंट हैं। ये हवाला के जरिए रकम ट्रांसफर कर रहे हैं। आईटी की कार्रवाई से बचने के लिए ये खातों में पैसे नहीं जमा करवा रहे हैं। रायपुर पुलिस एक टीम गोवा भेजने पर विचार कर रही है, ताकि वहां गिरफ्तार सटोरियों से पता चले कि रायपुर में उनका नेटवर्क और वसूली कौन लोग कर रहे हैं।

13 करोड़ के सट्टे का पर्दाफाश

राजधानी के ज्यादातर गली मोहल्ले में खुलेआम सट्टा और जुआ धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस ने इस साल सट्टे के खिलाफ अभियान चलाते हुए कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से कुल 13 करोड़ रुपये के सट्टे का पर्दाफाश किया गया है। इससे पहले राजधानी स्थित गंज पुलिस थाना अंतर्गत होटल में बैठकर लाइन देने वाले सटोरियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आइपीएल किक्रेट मैच शुरू होते ही सटोरियों की चांदी हो जाती है। इसमें सटोरिये एक समय में कई लोगों को लाइन देने का काम करते हैं।

हथियार, ड्रग्स तस्करी पर अब चलेगा पुलिस का डंडा

रायपुर। नक्सलवाद, ड्रग्स, हथियार की तस्करी और अन्य अपराध रोकने के लिए आठ राज्यों की पुलिस मिलकर काम करेगी। छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी की पहल पर सोमवार को महाराष्ट्र के डीजीपी एसके जायसवाल, आंध्रप्रदेश के डी. गौतम सवांग, तेलंगाना के महेंद्र रेड्डी, ओडिशा के अभय, झारखंड के एमवी राव, बिहार के संजीव कुमार सिंघल और पश्चिम बंगाल के एडीजी नीरज कुमार सिंह वर्चुअल मीटिंग में शामिल हुए। इसमें छत्तीसगढ़ के स्पेशल डीजी नक्सल आपरेशन अशोक जुनेजा और आइजी इंटेलिजेंस डा. आनंद छावड़ा भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर यह तय किया कि वे नक्सलवाद समेत हथियार-ड्रग्स की तस्करी, अपराधियों के मूवमेंट पर साथ मिलकर काम करेंगे। साथ ही एक-दूसरे से सभी अहम जानकारियां भी शेयर करेंगे। सभी ने यह भी तय किया कि हर महीने सभी आठ राज्यों के डीजीपी बैठक करेंगे और नियमित रूप से समीक्षा भी करेंगे, जिससे मुहिम को सफल बनाया जा सके। मीटिंग में ही आइजी इंटेलिजेंस डा. आनंद छाबड़ा को को-आर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी गई। वे सभी राज्यों के साथ समन्वय बनाकर जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे। डीजीपी अवस्थी ने ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के डीजीपी से खासतौर पर इस बात पर जोर दिया कि नक्सलियों के खिलाफ एक साथ आपरेशन करें। अभी सुरक्षा बल जब आक्रामक होकर लड़ाई शुरू करते हैं तो नक्सली डरकर छत्तीसगढ़ से ओडिशा या तेलंगाना की ओर छिप जाते हैं। यही स्थिति दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ भी है। जब चारों राज्यों की पुलिस एक साथ आपरेशन शुरू करेगी तो नक्सलियों को छिपने की जगह नहीं मिलेगी और उन्हें हथियार डालना पड़ेगा।

पुलिस ने तैयार की ड्रग्स खरीदने वालों की सूची : राजधानी और बिलासपुर में पकड़े गए ड्रग पैडलर्स से पूछताछ और बयानों के आधार पर पुलिस ने शहर में नियमित रूप से ड्रग्स खरीदनेवालों की सूची तैयार कर ली है। इस सूची में 56 नाम हैं और चौंकाने वाले बात ये है कि क्वींस क्लब की चर्चित पार्टी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कुछ युवक-युवतियों के नाम भी इसमें हैं। इनमें युवतियां भी हैं। ये सभी जमानत पर छूट चुके हैं, लेकिन इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस इन्हें फिर बुलाने वाली है क्योंकि कुछ की पैडलर्स के साथ तस्वीरें भी पुलिस को मिली हैं। पुलिस ने सोमवार को नशीली पार्टियों में शामिल तीन लोगों को मोबाइल नंबर के आधार पर बुलाया था।

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