राजधानी के वीआईपी इलाके में भी चल रहा खुलेआम सट्टा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में पुलिस की कार्रवाई के बाद भी सट्टे का अवैध कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी के वीआईपी क्षेत्र में भी सटोरिए खुलेआम सट्टा लिखते देखें जा सकते है। जनता से रिश्ता सटोरियों और उनके अड्डों को लेकर लगातार ख़बरें प्रकाशित करते आ रहा है, लेकिन पुलिस सटोरियों के अड्डों पर छापामार कार्रवाई करने में नाकाम है और मुखबिरों की सूचना के आधार पर ही छोटी-मोती कार्रवाई कर खानापूर्ति कर रही है। लाख कोशिशों के बाद भी आकाशवाणी के आगे और डीजीपी बंगले के पीछे स्थित नाले का सट्टा बंद नहीं हो रहा है।
राजधानी में आए दिन सट्टा का करोबार जोरो से चलते जा रहा है। रायपुर के आकाशवाणी काली मंदिर के आगे स्थित नाले में खुलेआम सट्टा चल रहा है। शहर में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है। सटोरिए बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे है। शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसके चलते युवा वर्ग बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पूरा मामला जान कर भी स्थानीय पुलिस मौन धारण किये हुए है। राजधानी में अपराध की बह रही गंगा, जमुना। गांजा, शराब, सट्टा जुआ का कारोबार रायपुर के एक इलाके में जोर-शोर से चले जा रहा हैं। रायपुर में समाज के दुश्मनों ने अपने गलत धंधा को चलाने के लिए एक ही जगह अड्डा बना लिए है, और उसका संचालन किये जा रहे है।
सट्टा-जुआ का कारोबार धडल्ले से : शहर में कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है।
ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है। उससे यही लगता है कि बड़े खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। रायपुर क्षेत्र में तो ये चलता ही है आजकल आउटर क्षेत्र में भी इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। बड़े खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं रोज हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग रायपुर में खुलेआम पट्टी काटकर और मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं।
शहर भर में चल रहा सट्टा कारोबार
पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। शहर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की कार्रवाई नहीं हो रही है, क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा चलने लगा है।इसकी जानकारी पुलिस को होते हुए भी कोई कार्यवाई नहीं कि जाती हैं। रायपुर में रोजाना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। शहर में धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के छुटभैय्ये नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है। पुलिस या कोई खुफियां एजेंसी सट्टोरियों को पकड़ न सकें। इसलिए सट्टोरियों ने कोड वर्ड में बात शुरू कर दी है। लेकिन वर्तमान में फिर से क्षेत्र में एक बार फिर जुआ माफिया सक्रिय हो गए है। सूत्रों की माने तो इन जुआ माफिया को कुछ सफेदपोश का भी संरक्षण प्राप्त है। शहर में संचालित जुएं के फड़ में दांव लगाने के लिए क्षेत्र के बड़े-बड़े जुआरियों का आना-जाना लगा रहता है।
सट्टा बना नशा
सट्टा एक नशा की तरह होता हैं, पहले लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं फिर बाद में अपनी गाढ़ी कमाई को दोगुना करने के लालच में फंसकर धीरे-धीरे सब कुछ गंवा बैठते हैं। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्रवाई न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगों के हौंसले बुलंद हैं।
जनता से रिश्ता ने किया कैमरे में किया कैद
राजधानी में सट्टे का खुलेआम कारोबार चल रहा है। जिसे जनता से रिश्ता के संवाददाता ने अपने कैमरे में कैद किया। इस वीडियो में 4 लोग मिलकर सट्टा पट्टी काट रहे थे। जैसे ही जनता से रिश्ता के संवाददाता ने कैमरे में उनकी तस्वीरें ली वैसे ही सारे सटोरिए अड्डों से भागने लगे। सिविल लाइन थाना पुलिस के नाक के नीचे से ये सट्टे का कारोबार खुलेआम चल रहा है। आकाशवाणी कालीमंदिर के आगे डीजीपी साहब के बंगले के पीछे नाले के पास सटोरियों की गैंग खुलेआम महिलाओं और बच्चो को मिलाकर सट्टा-पट्टी काटते और अवैध कारोबार को संचालित करते है। जब जनता से रिश्ता के मीडियाकर्मी कैमरे के साथ मौके वारदात पर पहुंची तो सटोरिए डरकर अपना सट्टा काटने वाला रसीद, सट्टा नंबर लिखने वाला पन्ना छोड़कर वहां से भाग निकले। जिसे जनता से रिश्ता ने अपने कैमरे में कैद भी कर लिया है।
रोजाना सट्टा खेलते युवा और बुजुर्ग
शहर में आईपीएल मैच शुरू होते ही सट्टा का कारोबार भी जोर शोर से चलने लगता है। रायपुर में साइकिल से घूम-घूमकर सट्टा पट्टी लिखी जा रही है। शहर में नया बस स्टैंड, कटोरा तालाब, माना, वीआईपी रोड, राखी के पास खुलेआम सट्टा पट्टी लिखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त कई साइकिल स्टोर, पान ठेला, गुमटी की आड़ में भी सट्टा-पट्टी लिखने का खेल चल रहा है। शहर से जुड़े कई गांवों में भी सट्टा कारोबारी पैर पसार चुके हैं। जुआ माफिया द्वारा संचालित किए जाने वाले जुएं के फड़ में आने वाले जुआरियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाने के नाम पर रुपए लिए जाते हैं।
यह रकम जुआरियों से वसूली जाती है। यही नहीं कारोबारी जुए में हारने वाले जुआरियों को मोटे ब्याज पर कर्ज भी मुहैया करवाते हैं। इसी के तहत उधार रुपए देकर मोटे ब्याज में फंसा लिया जाता है। कुछ ही दिनों ने ब्याज मूल रकम से भी ज्यादा हो जाता है, कुछ लोग रकम न चुका पाने व माफिया की प्रताडऩा से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लेते है।
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