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बिलासपुर: जिले में ग्राम पंचायतों के सरपंचों के आधारभूत प्रशिक्षण का सिलसिला शुरू किया गया है। इस क्रम में बिल्हा विकासखण्ड के 26 सरपंचों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने समापन कार्यक्रम में शामिल होकर सरपंचों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से ज्यादा क्षेत्र में सामाजिक विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
संयुक्त संचालक प्रशिक्षण केंद्र श्री कश्यप ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सरपंचो को पंचायती राज अधिनियम के तहत छ.ग. में पंचायत व्यवस्था, ग्राम सभा, ग्राम पचायत के कृत्य, सरपंचो के अधिकार एवं दायित्व, लेखा प्रणाली, पीएफएमएस जीपीटीपी लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011,सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। सरपंचो द्वारा इन विषयों पर कई प्रकार के प्रश्न भी पूछे गये जिसका मौके पर समाधान किया गया। समारोह में प्राचार्य ने स्वागत भाषण देते हुए क्षेत्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केन्द्र बिलासपुर द्वारा प्रशिक्षण कार्यकम के उद्देश्य एवं रूपरेखा एवं इनके कियान्वयन के बारे में बताया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान एवं अध्यक्षता सभापति अंकित गौराहा ने की। श्री चौहान ने सरपंचो को केवल निर्माण एजेन्सी बनकर न रहने का सुझाव देते हुए सामाजिक क्षेत्रो में भी कार्यक्रम एवं आम ग्रामीणो की सपंर्क में लगातार कार्य करने की एवं उनकी समस्याओं को सुलझाने तथा ग्राम सभा के आयोजन एवं गांव के बुजुर्ग वं प्रबुध्द जनो के उपस्थित सुनिश्चित कराने का आग्रह किया। समापन समारोह में श्री अंकित गौराहा सभापति जिला पंचायत द्वारा गांव में शासकीय योजनाओं के कियान्वयन हेतु जमीन उपलब्ध न होने तथा अवैध कब्जा होने पर सरपंच को आह्वान करते हुए योजनाओं के लिए भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सुझाव दिये ताकि ग्रामीणो को छ.ग. शासन की विकास योजनओं का लाभ यथासमय मिल सके।
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