बिलासपुर। तालाब से मिट्टी और मुरुम निकालकर बेचने की शिकायत के बाद मामले की जांच की गई। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम कुटराबोड़ की महिला सरपंच को एसडीएम ने धारा 40 के तहत पद से बर्खास्त कर दिया। इसे बिलासपुर संभागायुक्त के कोर्ट में अपील की गई थी। यहां से भी राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट की शरण में जाने के बाद सरपंच के पक्ष में फैसला आया है। कोर्ट ने बिलासपुर संभागायुक्त के फैसले को पलट दिया है।
जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम पंचायत कुटराबोड़ में 2020 में पंचायत चुनाव हुआ था। इसमें गायत्री बाई साहू सरपंच निर्वाचित हुई। गांव के ही पंच रेशम लाल समेत अन्य ग्रामीणाें ने 24 जून 2020 को कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई की सरपंच गांव के तालाब से मिट्टी और मुरुम निकालकर बेच रही है। मामले की जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने सरपंच को बर्खास्त कर दिया था। एसडीएम द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देते हुए सरपंच ने कलेक्टर जांजगीर-चांपा कोर्ट में अपील कर चुनौती दी थी। इसी बीच सरपंच के बर्खास्तगी की सूचना पर राज्य शासन द्वारा नियत समय 90 दिनों के भीतर कोई आदेश नहीं जारी करने से सरपंच की बर्खास्तगी को एसडीएम ने निरस्त घोषित कर बहाल कर दिया।