छत्तीसगढ़

पंच बन जाएंगे लेकिन सरपंच नहीं, मौत का साया

Nilmani Pal
1 Dec 2024 11:16 AM GMT
पंच बन जाएंगे लेकिन सरपंच नहीं, मौत का साया
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छग के इस ग्राम पंचायत का हाल

धमतरी। क्या आपने कभी सुना है कि जनता का सपोर्ट मिलने के बावजूद भी कोई सरपंच बनना नहीं चाहता। सरपंच बनना तो दूर कोई दावेदारी में भी दिलचस्पी नहीं लेना चाहता…ये अजीब है लेकिन हकीकत है धमतरी जिले के भटगांव की। आखिर क्या है पूरा मामला?

गांव में सरपंच कोई बन जाए तो उसका जलवा होता है, समाज में इज्जत होती है। हर कोई सरपंच साहब, सरपंच साहब बोलते हुए सम्मान की नजर से देखता है। परिवार में भी सरपंच बनने पर बेहद खुशी होती है, लेकिन इसी सरपंच पद को धमतरी के गांव भटगांव में लोग नफरत और डर की नजर से देखते हैं। जी हां.. दरअसल 2012 से 2024 तक यहां 5 सरपंच जनता के प्यार से जीते, लेकिन 5 में से 4 की किसी न किसी वजह से मौत हो गई, जबकि 1 सरपंच को धारा 40 के तहत पद गंवाना पड़ा।

2020 से 2025 तक के लिए हुए चुनाव में यहां की जनता ने अजमेर सिंह को सरपंच चुना, लेकिन सिर्फ 2 साल बाद उनकी बीमारी से मौत हो गई। सरपंच की मौत के बाद उप चुनाव हुए उप चुनाव में जीतकर आए बोधन ध्रुव की भी कुछ महीने बाद मौत हो गई। वहीं 2010 से 2015 के लिए हुए चुनाव में झनकराम देवदास सरपंच बने, लेकिन महज 30 साल की उम्र में ही उनकी मौत हो गई। उनकी जगह पर गिरवर देवदास सरपंच पद पर आशीन हुए, लेकिन उनकी भी मौत हो गई। अब हालात ये हैं कि सरपंच बनने से लोग डरते हैं।


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