हाईकोर्ट से सरपंच को मिली राहत, अविश्वास प्रस्ताव पर रोक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दुर्ग जिले के बोरसी ग्राम पंचायत की सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
धमधा तहसील के बोरसी की सरपंच संजू गजपाल के खिलाफ पंचों ने एसडीएम के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक बुलाने के लिए आवेदन लगाया था। इस पर कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। प्रशासन की इस कार्रवाई को सरपंच ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट को बताया कि वह एक अनुसूचित जाति वर्ग की महिला है और आरक्षण से सरपंच चुनी गई हैं। ग्राम पंचायत के विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने के संबंध में पंचों का रवैया असहयोगात्मक है। वे पंचायत की बैठकों में बुलाने पर भी नहीं आते। यह छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 में तय किए गए पंचों के कर्तव्यों का उल्लंघन है। पंचों के लगातार बैठकों में नहीं आने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने का नियम है। जनपद और अनुविभाग अधिकारियों से उन्होंने इस संबंध में शिकायत की थी, जिसे जांच में सही पाया गया था। इसके बावजूद उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई। पंचों को अयोग्य किए बिना उनकी ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है। इन पंचों को बैठक में शामिल होने अथवा अविश्वास प्रस्ताव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है और राज्य शासन और जनपद पंचायत के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।