अज्ञात बीमारी से मौत की खबर को सरपंच और ग्रामीणों ने नकारा
बीजापुर। भैरमगढ़ ब्लाक के सुदूर एवं धुर नक्सली क्षेत्र के नाम से विख्यात नदी उसपार के गांवों में अज्ञात बीमारी से 39 लोगों की मौत की खबर मीडिया में लगातार प्रसारित होने पर 23 सितम्बर को 20 स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं चिकित्सक टीम 14 किलोमीटर पैदल चलकर सुदूर क्षेत्रों में पहुंची जहां ऐसी किसी भी बीमारी से मौत की पुष्टि नही हुई है। अभी भी कुछ रिपोर्ट आना बाकी है। स्वास्थ्य अमला अभी भी गांव में हैं, विधायक विक्रम शाह मंडावी, कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा एवं एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने वास्तविक स्थिति को जानने सुदूर नक्सली क्षेत्रों में मोटर साईकिल के माध्यम से इन्द्रावती नदी किनारे गांव उसपरी पहूंचे जो ग्राम पंचायत ईतामपारा का एक गांव है। नदी उस पार की जानकारी देते हुऐ सरपंच, उपसरपंच एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों ने बताया कि किसी भी प्रकार की अज्ञात बीमारी से लोगों की मृत्यु नहीं हुई एक व्यक्ति की मृत्यु 5 अगस्त को सांप काटने से हुई, 19 जून को एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर अपनी जान दी। वहीं एक 70 वर्षीय वृद्ध 16 सितम्बर को बेडपल्ली दो प्राकृतिक मृत्यु हुई, 40 वर्षीय एक व्यक्ति को अन्य बीमारी के कारण मृत्यु हुई जो 22 सितम्बर को हुई। वहीं लंबी बीमारी एवं पेट दर्द के कारण दो लोगों की मृत्यु 16 एवं 17 सितम्बर को हुई है। 16 सितम्बर को ही एक वृद्ध की प्राकृतिक मृत्यु हुई। इसी तरह ग्राम बैल में टीबी एवं आत्महत्या से विगत दो माह में तीन मौत हुई है। मर्रामेटा में कुल दो मौत हुई जिसमें केवल एक व्यक्ति के शरीर में सूजन देखा गया है। इसी तरह बीमारी, आत्महत्या एवं प्राकृतिक मौते हुई किन्तु अज्ञात बीमारी से 39 लोगों की मौत की तथ्यात्मक पुष्टि नहीं हुई अभी कुछ और रिपोर्ट आना शेष है। जिससे स्थिति पूर्ण रूप से स्पष्ट हो पाएगी।
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमला द्वारा लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में अस्थायी कैम्प लगाकर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है। किसी भी प्रकार के संक्रामक एवं मौसमी बीमारी को मद्देनजर रखते हुए तत्परता से सुदूर एवं दूरस्थ अंचलो में मीलो दूर पैदल चलकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है।
कुछ दिनों पहले इसी तरह मीडिया के खबर प्रकाशित होने पर कलेक्टर द्वारा 12 एवं 13 अगस्त 2022 को ग्राम ताकीलोड़ में कैम्प लगाकर आस-पास के लगभग 165 लोगों का स्वास्थ्य जांच एवं उपचार त्वरित किया गया था। जिसमें मलेरिया के 9 मरीज, 6 एनीमिया, 7 गर्भवती माताओं का परीक्षण एवं बच्चों का वैक्सीनेशन किया गया था। भारी बारिश के वजह से पूरे स्वास्थ्य अमला इन गांवों में 7 दिनों तक स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीणों को उपलब्ध करायी फिर नगरसेना की टीम द्वारा स्वास्थ्य अमला की रेस्क्यू कर वापस लाया गया। इस घटना के संदर्भ में 11 अगस्त को मीडीया के समाचार प्रकाशित हुई थी कि 3 लोगों का अज्ञात बीमारी से मौत वास्तविक स्थिति मौके पर पता चला कि दो लोग उम्र दराज होने से प्राकृतिक मौत हुई वहीं एक बच्चे की मौत अन्य बीमारी से होने की जानकारी मिली है।