कवर्धा। कवर्धा के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित सरस मेले में तरह-तरह के रंग-बिरंगे, आकर्षक, मनमोहक, कलाकृतियों के साथ विभिन्न सामग्रियों की स्व-सहायता समूह द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है। कलेक्टर जनमेजय महोबे और जिला पंचायत सीईओ संदीप कुमार अग्रवाल ने स्टॉल का भ्रमण कर समूह की दीदीयो से चर्चा की। इस दौरान उनके उत्पादों के विषय में जानकारी प्राप्त कर व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव दिए।
जशपुर की महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बास से निर्मित टोकनिया एवं डब्बे सभी साइज में उपलब्ध है। बेमेतरा जिले के समूह द्वारा केले के पेड़ के रेशे से बने बैग, जैकेट, चटाई आदि रखी गई है। जांजगीर चांपा से कोसा सिल्क की बनी साड़ियां एवं अन्य वस्त्र, रायगढ़ के समूह द्वारा झारा शिल्प रखी गई है। वनांचल क्षेत्र से आए समूह द्वारा केमिकल रहित देशी गुड़, दंतेवाड़ा से आए समूह द्वारा कोदो-कुटकी, हल्दी, मिर्ची एवं अन्य मसाले अपने स्टाल में रखे गए हैं। उड़ीसा के समूह द्वारा अगरबत्ती जूट उत्पादन एवं गोल्डन ग्लास रखा गया है। सागर मध्य प्रदेश के समूह द्वारा आंवला से बने विभिन्न उत्पादन रखे गए हैं। उत्तराखंड का हैंडलूम एवं राजस्थान गाजियाबाद के कपड़े, पैरा आर्ट सहित अनेक उत्पाद प्रदर्शनी सह विक्रय के लिए रखे गए रखे गए हैं।
सरस मेले में ही क्राफ्ट मेला रखा गया है, जिसमे हैंडलूम के कपड़ो की वैरायटी है। अचार, चूड़ियां, बैग, कालीन, टोपी, चादर जैसे अनेक सामग्रियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। फूड स्टॉल के द्वारा मेले में आए लोगों को गरमा-गरम स्वादिष्ट स्वल्पाहार मिल रहा है। विशेष कर छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की मांग ज्यादा रही। फूड स्टाल में दुर्ग से आई महिला समूह के सदस्य ने बताया कि उनके स्टाल में अतिथियों के मांग अनुसार बहुत से व्यंजन उपलब्ध है और व्यवसाय भी बहुत अच्छा हो रहा है। मथुरा चाट भंडार भी लोगो की पसंद बनी हुई है। बच्चों युवाओं के लिए मीना बाजार सजा हुआ है, जिसमें अनेक प्रकार के झूले एवं खेलकूद के साधन रखे गए हैं। इन आकर्षणों के साथ स्वदेशी बाजार के स्लॉट में लोगों के लिए अनेक उत्पादों को रखा गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में 26 फरवरी से 6 मार्च तक 10 दिवसीय सरस मेला का आयोजन किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ से एवं अन्य राज्यों से स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों की प्रदर्शनी सह विक्रय स्टाल लगाए गए हैं।