छत्तीसगढ़
सरकड़ा घाट में रेत की चोरी, छुटभैय्या कांग्रेसी नेताओं का मिल रहा संरक्षण
Shantanu Roy
16 Feb 2024 10:39 AM GMT
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छग
राजिम। जिले में लगातार नदियों के आस-पास से रेत उत्खनन करने का काम शुरू किया गया है। राजिम के सरकड़ा घाट में अवैध रेत प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन (रेत की चोरी) का काला कारोबार धड़ल्ले से चला जा रहा है ऐसा ही एक खुला अवैध कारोबार राजिम के सरकड़ा घाट में छुटभैय्या कांग्रेसी नेताओं और कुछ रेत माफिया और रेत चोरों द्वारा देर रात बड़े-बड़े हाइवा, पोकलेन, जेसीबी जैसे गाड़ियों का इस्तेमाल करके अवैध रेत उत्खनन (रेत की चोरी) का कारोबार कराया जा रहा है। सरकडा घाट को देखने से तो यहीं लगता है कि पुलिस भी आंख मूंदकर इस अवैध कारोबार को कही न कही बढ़वा दे रही है।
सरकड़ा घाट की तस्वीर
सरकड़ा (राजिम) रेत घाट
प्लास्टर रेत आकर्षक लोडिंग शुल्क
10 चक्का 2000 रुपए
12 चक्का 3000 रुपए
राजिम नेशनल हाइवे से 15 किलो मीटर की दूरी पर है
घाट में लोडिंग शाम 6 बजे चालू होगासरकड़ा (राजिम) रेत घाट
रेत माफियाओं को कांग्रेसी नेताओं के संरक्षण ने खुली छूट दे दी है। यही वजह है कि रेत माफिया नदियों का सीना चीरकर अवैध उत्खनन कर रहे हैं। मगर खनिज उड़नदस्ता के द्वारा कभी कभार एक दो कार्रवाई कर औपचारिकता निभा दी जाती है। पिछले दिनों खनिज विभाग की उड़नदस्ता द्वारा अवैध उत्खनन में लगे परिवहन में हाइवा और ट्रैक्टर वाहनों पर कार्रवाई की थी। जबकि जिले के रेत घाटों में प्रतिदिन धड़ल्ले से दिन रात उत्खनन जारी है। बरसात लगने के पहले से रेत उत्खनन पर करना शुरू कर दिया है। इसके बाद भी रेत माफिया नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध उत्खनन कर रहे हैं।
रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि बंद रेत घाटों से रेत का खनन किया जा रहा है। जिले के सरकड़ा (राजिम) रेत घाट अन्य सहायक नदियों के रेत घाटों को रेत खनन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और माफियाओं के द्वारा रेतघाटों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। रेत माफिया बिना रायल्टी के रेत बेचकर शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। वहीं खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी के बाद भी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में खनिज विभाग के छुटभैय्या कांग्रेसी नेताओं की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। रायल्टी लेकर रेत का परिवहन कर रहे वाहनों को जब्त किया जाता है। जबकि उत्खनन कार्य में लगे वाहनों पर कार्रवाई नहीं की जाती है।
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