बलौदाबाजार। प्रदेश में हर साल 15 जून के बाद रेत खनन पूरी तरह बंद करने के निर्देश शासन जारी करता है. इसके बाद से प्रदेश में रेत खनन का काम बंद हो जाता है. लेकिन बलौदा बाजार जिले में अलग ही कानून चल रहा है. यहां पर रेत माफिया बेखौफ होकर हर दिन शासन को 50 लाख से अधिक के राजस्व का चूना लगा रहे हैं. यहां दिन रात रेत का अवैध परिवहन और उत्खनन किया जा रहा है. इस मामले में कार्रवाई न होना समझ से परे है.
जिले में 20 से 25 रेत घाट स्वीकृत हैं. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा रेत घाट में खनन किया जाता है. इन रेत घाटों को 15 जून के बाद पूरी तरह बंद कर दिया जाना था. लेकिन घाट बंद करना तो दूर अब तो माफिया 24 घंटे रेत खनन कर रहा है. जिससे हर दिन शासन को 50 लाख का नुकसान हो रहा है.वहीं माफिया रेत खनन के बाद कई जगहों पर इसका भंडारण कर रहा है. ताकि बारिश में ऊंचे दामों में रेत बेचा जा सके.
पर्यावरण विभाग का निर्देश है कि रेत उत्खनन का काम मैनुअली होना है.लेकिन खनन माफिया मशीनों के माध्यम से खनन किया जा रहा है.माफिया रेत खनन की अनुमति मशीनों से इसलिए लेते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके. नियमों को ताक पर रखकर दतरंगी, दतान, बम्हनी, मोहान, चरोदा सिरियाडीह, चिचपोल, पुटपुरा, पुटपुरा 2, ब्लदाकछार घाटों में खुदाई बंद नहीं हुई है.