छत्तीसगढ़

रेत माफिया सक्रिय: जिले में में धडल्ले से चल रहा अवैध रेट उत्खनन

Shantanu Roy
13 Feb 2022 5:48 PM GMT
रेत माफिया सक्रिय: जिले में में धडल्ले से चल रहा अवैध रेट उत्खनन
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सीतापुर। रेत के अवैध खनन एवं परिवहन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश के बाद भी क्षेत्र में अवैध रेत का कारोबार जोरों पर है। रेत माफिया बेखौफ होकर नदी से रेत का अवैध रूप से खनन एवं परिवहन कर मोटी कमाई कर रहे है। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी बेधड़क हो रहे रेत के अवैध कारोबार पर कार्रवाई के बजाए अधिकारियों की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। बिना अनुमति के हो रहे रेत खनन एवं परिवहन से रेत माफियाओं की चांदी हो गई है वही शासन को राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है।

विगत दिनों प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने रेत के अवैध खनन एवं परिवहन पर सख्ती दिखाते हुए रेत माफियाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के इस सख्ती के बाद खनिज विभाग हरकत में आया और रेत माफियाओं के विरुद्ध शिकंजा कसते हुए बालू से भरी हाइवा, टिपर एवं ट्रेक्टर जब्त कर थाने में खड़ा करा दिया था। विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया और कुछ दिनों तक रेत का अवैध खनन एवं परिवहन का काम बंद हो गया।
जैसे ही माहौल ठंडाया फिर से क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हो गए और मुख्यमंत्री के निर्देशों को दरकिनार कर मांड नदी से रेत का खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से शुरू कर दिया। ग्राम रायकेरा से होकर बहने वाली मांड नदी रेत खनन का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है जहाँ से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन बेखौफ जारी है। रेत माफिया यहां पोकलेन मशीन से रेत खनन कर ट्रेक्टर एवं हाइवा के जरिए परिवहन कर मोटी कमाई कर रहे है।
मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों का यहां कोई असर देखने को नही मिल रहा है रेत से भरी गाड़ी पकड़ने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अपनी जेब गर्म कर मुँह मोड़ ले रहे है। रेत माफिया के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर खनिज विभाग समेत प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारियों का रवैया देख ऐसा लगता है जैसे मुख्यमंत्री का आदेश इनके लिए कोई मायने नहीं रखता है।
रायकेरा मांड नदी से होने वाले अवैध रेत खनन एवं परिवहन का सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया था। सरपंच ने सड़क एवं दुर्घटना का हवाला देते हुए एसडीएम थाना प्रभारी समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंप रेत परिवहन पर रोक लगाने की मांग की थी किंतु अधिकारियों ने उसे अनसुना कर दिया। इससे ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है।
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