छत्तीसगढ़

अधिकारियों का वेतन अचानक रुका, राज्य में खड़ा हुआ बड़ा संकट

Shantanu Roy
14 March 2024 1:55 PM GMT
अधिकारियों का वेतन अचानक रुका, राज्य में खड़ा हुआ बड़ा संकट
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छग से बड़ी खबर
रायपुर। छत्तीसगढ़ वेयरहाउसिंग कारपोरेशन में प्रबंध निदेशक न होने से वहां के अधिकारियों, कर्मचारियों के सामने वेतन का संकट खड़ा हो गया है। आमतौर पर छत्तीसगढ़ वेयरहाउसिंग कारपोरेशन में महीने के एक या दो तारीख तक वेतन हो जाता है। मगर इस बार मार्च का 14 तारीख निकल गया। कल 15 है। याने आधा महीने निकल गया। उसके बाद शनिवार, रविवार अवकाश रहेगा। दो-एक दिन में आचार संहिता भी लगने वाला है। कहीं आचार संहिता लग गया तो फिर सरकार को पोस्टिंग करने में बड़ी दिक्कत जाएगी। क्योंकि, फिर तीन अफसरों का पेनल बनाकर छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजना पड़ेगा। वहां से फिर भारत निर्वाचन आयोग को जाएगा। आयोग जिस नाम को टिक करेगा, उसे फिर जीएडी एमडी अपाइंट कर पाएगा। इसमें कितना भी जल्दी किया जाए, फिर इस प्रॉसेज में हफ्ते-दस दिन का टाईम लगेगा ही। तब तक महीना निकल जाएगा।
छत्तीसगढ़ वेयरहाउसिंग कारपोरेशन में पहली बार ऐसी स्थिति आई है। दरअसल, वेयर हाउस के एमडी धमेंद्र साहू को राज्य सरकार ने 26 फरवरी को सारंगढ़-बिलाईगढ़ का कलेक्टर बना दिया था। पोस्टिंग होने के अगले दिन धमेंद्र मैनेजर पर्सनल को चार्ज हैंडओवर कर सारंगढ़ चले गए। तब से यह पद खाली है। मैनेजर पर्सनल एग्जीक्यूटिव पद नहीं, सो उन्हें वेतन निकालने का अधिकार नहीं। वेयर हाउसिंग में पहले भी कई बार एमडी के अवकाश या बाहर रहने से ये परिस्थिति बनी थी मगर सरकार किसी अफसर को प्रभारी एमडी अपाइंट कर देती थी। मगर इस बार ऐसा नहीं हो पाया। वेयर हाउसिंग में करीब 2200 अधिकारी, कर्मचारी हैं। इन सभी का वेतन लटक गया है। इस संबंध में वेयर हाउसिंग कारपोरेशन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष किशोर नागपुरे ने बताया कि वेतन के संकट के बारे में खाद्य सचिव से बात हुई है। उन्होंने जल्द एमडी नियुक्त करने का आश्वासन दिया है। धमेंद्र साहू के पास छत्तीसगढ़ वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के साथ ही आईजी पंजीयन का दायित्व भी था। जिस तरह वेयर हाउसिंग में एमडी की पोस्टिंग नहीं हो पाई है, उसी तरह आईजी पंजीयन का पद भी पिछले 17 दिन से खाली है। हालांकि, वह कारपोरेशन नहीं है, इसलिए वहां वेतन की दिक्कत नहीं।
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