छत्तीसगढ़

सफाई कर्मचारी हड़ताल में, इस वजह से छोड़ सकते है काम

Nilmani Pal
7 April 2023 9:23 AM GMT
सफाई कर्मचारी हड़ताल में, इस वजह से छोड़ सकते है काम
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छग

रायपुर। सरकारी स्कूलों के सफाई कर्मचारियों ने कम मानदेय होने की वजह से काम छोड़ने का विचार कर लिया है। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने बिरोजगारों का मानदेय इतना रखा हैं, जितना की हमरा नहीं है। पूरे महीने सफाई करने के बदले हमें 2400 रुपए मिलते है और बेरोजगारों को 2500 रुपए भत्ता मिलता है। यानी मेहनत से काम करने वालो को घर बैठे लोगों से ज्यादा पैसा दिया जाता है। ये कहां का इंसाफ है! दरअसल, 2018 में सफाई कर्मचारियों ने कलेक्टर ऑफिस जाकर मानदेय को बढ़ाने की मांग की थी। 4 साल हो गए, लेकिन सफाई कर्मचारियों का मांग अब तक पूरी नहीं हुई। हालांकि कर्मचारियों ने कहा कि जल्द बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, मीडिया प्रभारी प्रदीप वर्मा इसी मसले को लेकर मीटिंग करने वाले हैं। जिसमें मंत्रालय का घेराव करने की बात कही गई है।

बता दें, छत्तीसगढ़ के कोरबा और कांकेर में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। कम मानदेय के विरोध की वजह से स्कूल बच्चों को साफ-सफाई करनी पड़ रही है। माता-पिता उन्हें पढ़ाई करने के लिए स्कूल भेजते है, लेकिन यहां तो नजारा कुछ और देखने को मिल रहा है। बच्चे मजदूर की तरह स्कूल में सफाई का काम कर रहे है। इन सबके बीच कर्मचारी संघ ने मांगों को लेकर 21 मार्च को रैली निकालकर विधानसभा घेराव किया था। इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकला, बल्कि पुलिस प्रशासन ने 19 प्रदर्शनकारियों पर एफआईआर दर्ज कर दी। जिसके बाद सफाई कर्मचारी 1 मई को कलेक्टर दर पर श्रमिकों को न्यूनतम वेतन भुगतान की मांग को लेकर कार्यक्रम करेंगे, इसी दिन मजदूर दिवस भी बनाया जाता है। जून माह से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से 60 से 65 विधायकों का सहमति समर्थन पत्र को लेकर पदयात्रा करते हुए रायपुर चलो अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद भी अगर मांग पूरी नहीं की गई तो सफाई कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

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