कांग्रेस के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने दी खुली चेतावनी
विधायक अपने समर्थकों को प्रतिनिधि बनाए, न कि संगठन में पदाधिकारी
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने दो वर्ष पूरे किए तीन साल सत्ता के शेष है, जिस तरह से कामकाज चल रहा और राजनीतिक उठापटक और नियुक्ति को लेकर जो बवाल मचा है उससे ऐसा लगने लगा है कि कांग्रेस के अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बड़े नेताओं और विधायकों के हस्तक्षेप से गैर कांग्रेसियों को उपकृत करने को लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं ने बगावती तेवर दिखाए है। जिसके कारण बाकी के निगम मंडलों की नियुक्ति भी रूक गई है। अब इसके समाधान के लिए मत्रिमंडलीय समिति की एक अहम बैठक होने वाली है उसके बाद पत्ता खोला जाएगा। खबर है कि अब नियुक्ति सिर्फ जमीनी कार्यकर्ताओं और समर्पितों की ही होगी। पैराशूट वालों को अभी जगह नहीं मिलेगी।
जब से ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है तब से कार्यकर्ता उबल पड़े हैं। वर्षों जिन्होंने पार्टी की खिदमत की है, उन कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर नए नवेले और दूसरी पार्टी से आए लोगों को ब्लॉक अध्यक्ष बना दिया गया है। शिकायत का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज कार्यकर्ता नए ब्लाक अध्यक्षों के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा लेकर रोज राजीव भवन पहुंच रहे हैं। आमतौर पर बड़े नेता के आगमन पर या संगठन के किसी कार्यक्रम में ही राजीव भवन में भीड़ दिखती है, लेकिन अभी तो शिकायतकर्ताओं की भीड़ से संगठन के माथे पसीने की लकीर साफ दिखाई दे रही है, कार्यकर्ता काफी आक्रोशित हैं। वैसे भी सत्ता और संगठन दोनों की अलग-अलग जिम्मेदारी है। लेकिन देखा गया है कि संगठन में सत्ता का दखल स्पष्ट रूप से होने लगा है। एक कार्यकर्ता का कहना था कि अगर संगठन को विधायक की मर्जी से चलाना है तो हम कार्यकर्ताओं का काम ही क्या है? ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति में विधायकों के ही पसंद को तवज्जो दी गई है। ऐसे में हम कार्यकर्ता सिर्फ दरी उठाने, बिछाने, झंडा पकडऩे और नारे लगाने के लिए ही है। उस कार्यकर्ता ने आगे यह भी कहा कि अगर विधायक को अपने किसी खास समर्थक को पद दिलाना ही है तो वह उसको विधायक प्रतिनिधि बना दे। जबरदस्ती ब्लॉक अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर क्यों बैठा रहे हैं। इससे सक्रिय कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है। यह भी पता चला है कि प्रभारी डॉक्टर चंदन यादव के रायपुर प्रवास के दौरान शिकायत कर इन नियुक्तियों को निरस्त कराया जाएगा। अगर मांगे नहीं मानी गई तो आर-पार की लड़ाई भी लड़ी जाएगी। सामूहिक रूप से इस्तीफे भी दिए जाएंगे। पिछले दिनों रतनपुर से भी कार्यकर्ताओं का हुजूम राजीव भवन पहुंचा था। रतनपुर में भी कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले को ब्लॉक अध्यक्ष बना दिया गया है। साथ ही रतनपुर में नवनियुक्त ब्लॉक अध्यक्ष पिछले 15 साल से कांग्रेस के एक भी धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ है। उसके बावजूद उसको को ब्लॉक अध्यक्ष बनाने से कार्यकर्ताओं में काफी निराशा और आक्रोश है। आगामी विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से दिखने वाला है। राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम से मुलाकात नहीं होने पर महामंत्री को ज्ञापन सौंपा। गौरतलब है कि प्रदर्शनकर्ता अपने साथ कई वर्षों के उस रजिस्टर को भी साथ लाए थे जिसमें समय-समय पर सांगठनिक कार्यों का लेखा-जोखा और उपस्थित सदस्यों का हस्ताक्षर होता है। उनका कहना है कि पिछले कई साल से संगठन के कार्य में नवनियुक्त ब्लॉक अध्यक्ष का नाम भी नहीं है ऐसे में पार्टी क्या देखकर उन्हें ब्लॉक अध्यक्ष बनाया है समझ से परे है। शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता को ब्लॉक अध्यक्ष तत्काल बनाएं वरना सामूहिक इस्तीफा लेने तैयार रहें। कमोबेश यही स्थिति पूरे छत्तीसगढ़ में है सिमगा, कवर्धा, जगदलपुर, गरियाबंद, दुर्ग, भाटापारा, बिलाईगढ़, रतनपुर,बिलासपुर सहित कई जगह से लोग शिकायत देकर राजीव भवन पहुंच रहे हैं।
राजधानी की हवा भी बह रही उल्टी
रायपुर शहर में भी स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती। शहर के 3 ब्लाकों में बनाए गए ब्लॉक अध्यक्षों के खिलाफ जमकर शिकायत हुई है। देखा यह गया है कि सबने अपनी मनमर्जी एवं अपने खास दोस्तों या करीबी लोगों और विधायक की पत्नी की सहेली तक को पद पर सुशोभीत कर दिया है। पुरानी बस्ती ब्लाक में जोगी कांग्रेस से आए नेता को अध्यक्ष बनाया गया है। जिसका भी विरोध हो रहा है वही गुरु घासीदास ब्लॉक में भी कांग्रेस के धरना प्रदर्शन या आंदोलन में कभी शिरकत नहीं करने वाले को ब्लॉक अध्यक्ष बना दिया गया है। कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम एवं शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे से की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्रभारी डॉ चंदन यादव के रायपुर प्रवास के दौरान मामला रखा जाएगा। गुरु घासीदास ब्लॉक के कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट तौर पर विधायक कुलदीप जुनेजा पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर भूपेश बघेल की छवि खराब करने के लिए यह कदम उठाया है। कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर अपने रिश्तेदार या करीबी को ही पद दिया है तो आगामी चुनाव भी वे उन्हीं के भरोसे चुनाव लडऩे के लिए तैयार रहे। नाराज कार्यकर्ता आगामी चुनाव में अपना नजरिया साफ करते हुए कहाकि ऐसा ही चलता रहा तो हम लोग सहयोग नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस के प्रकोष्ठों में नई नियुक्तियां और जिलों की कार्यकारिणी जल्द
रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रकोष्ठों और जिलों में कार्यकारिणी सदस्यों की नियुक्तियां जल्द की जाएंगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस ने अपने संगठन के 36 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्तियां तो कर दी हैं, लेकिन जिलों में कार्यकारिणी का गठन अब तक नहीं हो सका। इसी तरह प्रदेश में काम करने वाले प्रकोष्ठों में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे नेताओं में से कई को अन्य महत्वपूर्ण दायित्व दिए जा चुके हैं। ऐसे में पद पा चुके नेताओं के स्थान पर अन्य नेताओं को प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी दी जानी है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राज्य में हाल ही में ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब अगले क्रम में जिला कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया जाना है। बताया गया है कि कांग्रेस के जिला संगठनों में अध्यक्ष बनाए गए नेता अब अपने अपने जिलों में कार्यकारिणी का गठन कर रहे हैं। जिला अध्यक्षों ने अपनी पंसद के आधार पर, स्थानीय विधायकों तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श कर कार्यकारिणी के नाम तय किए हैं। इन नामों पर प्रदेश इकाई की सहमति की मुहर लगेगी। इसके बाद सभी जिलों की नई कार्यकारणी घोषित की जाएगी। जानकारों का कहना है कि इस काम में करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है।