जबलपुर। रेलवे सुरक्षा बल जरूरतमंद यात्रियों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान भी रखते हैं। पश्चिम मध्य रेलवे, रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने हेतु चैबीस घंटे सतत् ड्यूटी की जा रही है। इसी श्रृंखला में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सराहनीय कार्य करते हुए ''नन्हे फरिश्ते'' अभियान के तहत घर से भागे हुए, अपहृत हुए, बिछुड़े हुए बालक एवं बालिकाओं को सुरक्षित उनके परिजनों/चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किया है।
दिनांक 24.08.2022 को समय तकरीबन 10ः30 बजे आरपीएफ आरक्षक आर. रेहान खान एवं आरक्षक आर. अभय कुमार जबलपुर पोस्ट को ड्यूटी के दौरान एक स्कूल की छात्रा स्कूल यूनिफार्म में वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय के सामने मेन रोड पर डरी सहमी सी रोते देखी गई तथा कुछ लोग उस छात्रा से बात करने की कोशिश कर रहे थे, परंतु वह छात्रा कोई उत्तर नहीं दे पा रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुये उपरोक्त दोनों स्टाफ बालिका के पास पहॅुचे तथा बच्ची को शांत करते हुये उससे पूछताछ की। आपपीएफ पर भरोसा करते हुये बालिका ने अपने पिता का नाम एवं पता बताया और कहा कि वह महारानी लक्ष्मी बाई विद्यालय, जबलपुर की छात्रा है और वह अपनी सहेलियों के साथ घर से स्कूल के लिए पहली बार अकेले निकली थी, परंतु ट्रैफिक में फँसने के कारण रास्ते में सहेलियों से बिछड़ गई है। छात्रा अपने परिजनों का मोबाइल नम्बर भी नहीं बता पा रही थी।
आरपीएफ स्टाफ द्वारा बालिका को सांत्वना देकर वरि. मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय लेकर आये अधिकारियों को मामले से अवगत कराया तथा महिला आरक्षक चन्द्रकान्ता पाठक को साथ लेकर बालिका को शासकीय वाहन से विद्यालय छोड़ा गया। विद्यालय के प्राचार्य एवं क्लास टीचर से मिलकर छात्रा के पिता श्री त्रंबकेश्वर लोधी को मोबाइल नंबर पर अवगत कराया।
रेल सुरक्षा बल के सदस्यों द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है, जिसके कारण आमजनों में रेल सुरक्षा बल की साफ, ईमानदार एवं सहयोग करने की छवि प्रकाश में आती है। पश्चिम मध्य रेल, रेल सुरक्षा बल सतर्कता, सुरक्षा और सेवा के तिहरे उद्देश्य के साथ 24 घंटे लगन से काम करता है, रेल सुरक्षा बल द्वारा शुरू किये गए इन कार्यों को जनता से बहुत सकारात्मक और उत्साहजनक प्रतिक्रिया भी मिलती है।