छत्तीसगढ़

बिरियानी सेंटरों में सड़ा-गला मांस, अजीनामटो का धीमा जहर

Nilmani Pal
20 Nov 2024 6:15 AM GMT
बिरियानी सेंटरों में सड़ा-गला मांस, अजीनामटो का धीमा जहर
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निगम और स्वास्थ अमला मटन-चिकन की गुणवत्ता की कभी जांच करने नहीं पहुंचते
गुणवत्ताहीन मांस मटन के होटलों में खपाने वाला गिरोह सक्रिय
पोल्ट्री फार्म में असमय मरने वाले मुर्गा -मुर्गी अजीनामटो के साथ मिलकर बढ़ा रहे बिरियानी का स्वाद
राजधानी के होटलों और आनलाइन खाद्य सामग्री पहुंचने वाले बीमार और पोलियोग्रसस्त मुर्गियों को खपा रहे है
रायपुर। फिल्मों में अक्सर देखा जाता है कि फिल्म को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए पब्लिक के जुबान में जो शब्द होते है जिसे जनता बाहुतायात उपयोग में लाती है. एसे कुछ डायलाग के कारण फिल्म की रैटिंग बढ़ जाती है। आम जीवन की कहानी से फिल्में बनती है औऱ वही असल जिंदगी में असर करती है। मगर राजधानी रायपुर में तो एक फिल्म का चर्चित डायलाग होटलों में नजर आ रहा है। 10 रुपए में कौन सी बिरियानी मिल सकती है दिमागी घोड़ा दौड़ाए 10 रुपए वाला बिरियानी में क्या होगा । राजधानी के होटलों में सस्ते और अच्छे बिरियानी के बड़े होर्डिंग्स भले की ध्यान आकर्षित करता हो पर उसकी क्वालिटी की जानकारी मिलते ही आप बिरियानी खाना भी छोड़ सकते है।
जानकारों की माने तो बिरियनी का स्वाद बढ़ाने के लिए अजीनामटो का भरपूर उपयोग किया जाता है। यह प्रतिबंधित रासायिनक तत्व है जो शरीर में पहुंचते ही तत्काल साइड ईफेक्ट करता है। डाक्टरों की माने तो अजीनामटो खाने वाले को लकवा, कैंसर जैसे लाइलाज बीमारी हो सकता है। और इसे बिरियानी बेचने वाले उपयोग में लाते है। जो शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है।
सस्ता बिरियानी का नाम ही कौआ बिरियानी
देश में न तो अब कौआ है और न ही महंगे 140 से 200 किलो वाले चिकन की बिरियानी बनाकर 10 रुपए में बेचा जा सकता है, इसके पीछे के कारणों को जानने पर कान खड़े हो सकते है। दरअसल पोल्ट्री फार्म में बीमारी से ग्रसित या मरने वाले मुर्गी-मुर्गा को फेंकने व दफनाने के बजाय बिरियानी बेचने वालों को भाजी से भी सस्ते दाम पर थोक में बेच देते और बिरियानी बनाने वाले इसे सस्ते में खरीद कर दो-तीन पहले मरे मुर्गी मुर्गियों को बिरियानी में उपयोग कर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।
निगम का स्वास्थ् का अमला और खाद्य विभाग कच्चे चिकन -मटन की गुणवत्ता की जांच ही नहीं करते है। राजधानी के होटलों में बिरियानी खाने वाले सस्ते के चक्कर में बीमारी को खरीद रहे है। निगम अमला तो जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर जेब करने के साथ हर माह अपने दो चार साथियों के साथ होटलों में पहुंच कर मुफ्त की बिरियानी की पार्टी देकर अपने रौब और टशन का जलवा दिखाते है।
बिरियानी के शौकीनों को धीमा जहर
वही हाल खाद्य विभाग का भी है जो कभी होटलों में परोसे जाने वाले सामग्री की लैब टेस्ट तक नहीं करते। सब कुछ सेटिंग से चल रहा है। हर महीने निगम के मोटे अधिकारियों को मोटी रकम का नजराना पेश किया जाता है। शहर के आनलाइन खाद्य सामग्री की घर पहुंच सेवा देने वाले तथाकथित खाद्य विक्रेता में धड़ल्ले से अजीनामटो और पोलियोग्रस्त बीमार मुर्गियों को सस्ते में बेचकर पूरे शहर के बिरियानी के शौकीनों को धीमा जहर दे रहे है।
स्वास्थ् और खाद्य अमला आज तक नहीं पहुंचा पौल्ट्री फार्म की जांच करने
पोल्ट्री फार्म संचालित करने वाले रसूखदार मालिकों के फार्म में मुर्गा मुर्गी फार्मिंग स्थल का कभी जाच करने नहीं जाते है। वहां पल रहे मुर्गा -मुर्गी खाने योग्य है या नहीं वहां मुर्गियों को देने वाले दाने की क्या क्वालिटी है, चूजे कितने दिन में तैयार होते है वहां का पयार्वरण उनके अनुकूल है या नहीं कोई जांच नहीं करता है।
दावत का हिस्सा
निगम अमला औऱ स्वास्थ्य विभाग कभी दीपावली रक्षा बंधन के समय मिठाइयों का सैंपल लेने जरूर दिखाई देते हैं, उसकी भी कहानी बड़ी लंबी , हर साल त्योहारों के समय खाद्य विभाग औऱ स्वास्थ्य अमला कभी चिकन मटन बेचने वालों की जांच नहीं करते है। जबकि कानूनन प्रावधान है कि बिना गुणवत्ता जांच के मटन चिकन नहीं बेचा जा सकता । सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है कि निगम और खाद्य विभाग के अधिकारी चिकन -मटन बेचने वालों से अपने रिश्तेदारों की शादी, सालगिरह या कोई अन्य कार्यक्रम के लिए मुफ्त में मटन -चिकन मंगवाते है इसलिए साल भर मटन चिकन दुकान में जाने की जहमत नहीं उठाते ।
जो पोल्ट्री फार्म का माल कही नहीं खप पाता वो राजधानी में बड़े आसानी से सौ रुपए में बिरियानी के नाम से खप जाता है। लोग सौ रुपए बिरियानी खाने के लिए टूट पड़ते है। वहीं निगम व खाद्य विभाग राजधानी में बिक रहे मांस मटन -चिकन की जांच तक नहीं करते जिसके चलते के सस्ते बिरियानी की डिमांड दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।
पुलिस के एक्शन से राजधानीवासी खुश
जनता से रिश्ता की खबर के बाद पुलिस प्रशासन के एक्शन मोड में आने से राजधानीवासियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि लगातार पुलिस में लिखित और मौखिक शिकायत करने के बाद अब पुलिस प्रशासन ने एक्शन लेकर देर रात तक मचने वाले धमाचौकड़ी में अँकुश लगाने सेशहर के रहवासी पुलिस प्रशासन को त्वरित एक्शन लेने पर बधाई देते है।
चेतावनी बेअसर
सिर्फ दो दिन सख्ती बरती पुलिस, उसके बाद ढ़ांक के तीन पात।
रात 11 बजे मार्केट बंद करने की सख्ती के बाद भी बेसर दिखाई दे रहा है। अभी भी दुकानें और होटले गुलजार हो रही है। शहर में चलने वाले तमाम आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ राजधानी के एक मात्र मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता ने लगातार मुहिम चलाते आ रही है इसी क्रम में शहर के रहवासियों की शिकायत पर स्वत: संज्ञान लेकर जनता से रिश्ता ने नाइट मार्केट की गतिविधियों को पुलिस के संज्ञान में लाया और पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए शहर के तमाम होटलों और दुकानों के संचालकों की कोतवाली में बुलाकर बैठक लेकर साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि कोई भी होटल मालिक या दुकानदार राजधानी में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो पुलिस एक्शन लेकर कार्रवाई करने में देरी नहीं करेगी। आप सभी को यह आश्वस्त करना होगा कि अबशहर में 11 बजे हर हाल में होटल-दुकान बंद होगी। जिसके लिए आपको लिखित में सहमति पत्र देना होगा नहीं तो मानकर चले कि कार्रवाई तय है।
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