छत्तीसगढ़

सिरजन संस्था के जिला संयोजक बनाए गए रोशन साहू

Nilmani Pal
7 May 2024 12:48 PM GMT
सिरजन संस्था के जिला संयोजक बनाए गए रोशन साहू
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भिलाई। लोक कला एवं साहित्य संस्थान सिरजन इकाई राजनांदगांव की कार्यकारिणी की बैठक एवं काव्य गोष्ठी वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षक रोशन साहू के दीनदयाल नगर , राजनांदगांव में स्थित उनके निज निवास में आयोजित की गई। उक्त बैठक की अध्यक्षता संस्था के प्रदेशाध्यक्ष एवं हरिभूमि के चौपाल अंक के संपादक, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ दीनदयाल साहू (भिलाई ) ने की। इस बैठक में संस्था का पुनर्गठन करते हुए रोशन साहू साहित्यकार को जिला संयोजक नियुक्त किया गया। वे अब शीघ्र ही अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करेंगे। इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष श्री साहू ने संस्था के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नव कलमकारों को सामने लाने की दिशा में काम करेंगे जिसमें आप सभी साहित्यकारों का योगदान अपेक्षित है। सभा को संयोजक कवि रोशन लाल साहू दीनदयाल नगर राजनांदगांव,साकेत के पूर्व अध्यक्ष एवं पुरवाही के संयोजक ,साहित्यकार ओमप्रकाश साहू " अंकुर", साकेत के अध्यक्ष लखन लाल साहू" लहर", पुरवाही के संगठन सचिव युनुस अजनबी, साकेत के सचिव कुलेश्वर दास साहू, साकेत के वरिष्ठ सदस्य एवं व्यंग्यकार फकीर प्रसाद साहू "फक्कड़", साहित्यकार एवं शिक्षक जयप्रकाश साहू राजनांदगांव, कवयित्री माला गौतम एवं चेतना साहू, ईश्वर साहू वरिष्ठ पत्रकार सबेरा संकेत राजनांदगांव , जय साहू नागपुर,कु भारती साहू संतराम साहू साहित्य प्रेमी ने अपने विचार व्यक्त किए।

सांगठनिक चर्चा के दरम्यान सभी ने एक स्वर में कहा कि संस्था गठित करना कोई बड़ी बात नहीं है अपितु इसे सुचारू रूप से संचालित करना मायने रखता है। साहित्यिक संस्था को तो चलाना और भी टेढ़ी खीर है। साहित्यकारों,बुद्धिजीवियों को साथ लेकर चलना मेंढकों को तराजू में तौलने के समान है। किसी भी साहित्यिक संस्था की सक्रियता मासिक बैठक, काव्य गोष्ठी एवं परिचर्चा के माध्यम से उभर कर सामने आता है। अतः इसमें निरंतरता बहुत ही जरूरी है और यह तभी संभव है जब संस्था से जुड़े प्रत्येक सदस्य वर्ष में एक बार अपने संयोजन में मासिक बैठक एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन करें।

डॉ दीनदयाल साहू ने अपने बहुमूल्य विचार रखते हुए कहा कि अखबारों व मैगजीन में रचनाएं प्रकाशित हो जाना मायने नहीं रखता अपितु कृति की प्रमाणिकता एवं समाज उपयोगी संदेश साहित्यिक स्तर के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस हेतु नवोदित साहित्यकारों का प्रेरित कर पाना सिरजन साहित्य संस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्देश्य है ।साहित्य समाज का दर्पण होता है जिसमें सामाजिक रीति रिवाज रहन-सहन का प्रतिबिंब नजर आता है इसलिए सकारात्मकता के साथ साहित्य अपने मूल उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है ।क्योंकि बहुधा नवोदित साहित्यकार साहित्यिक बारीकियों से अवगत नहीं होते अतः उन्हें लोक कला एवं साहित्य संस्था "सिरजन" के माध्यम से परिष्कृत करना एकमात्र हेतु है। इस अवसर पर उपस्थित सभी साहित्यकारों ने श्रृंगारिक समसामयिक ,व्यंग्य ,हास्य रचनाओं का पाठ किया।अंत में जिला संयोजक रोशन साहू ने लोक कला एवं साहित्य संस्था "सिरजन " के जिला संयोजक के रूप में अपनी महती जिम्मेदारी निर्वहन करने के लिए जिले के सभी कलमकारों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए उपस्थित साहित्यकारों के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही शीघ्र कार्यकारिणी गठन करके संस्था के लक्ष्य प्राप्त करने पर बल दिया।

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