रोजेदार वकील ने पेश की इंसानियत, ब्लड देकर बच्चे को दी नई जिंदगी
बिलासपुर। बिलासपुर में रमजान के महीने में रोजेदार वकील को पता चला कि गांव के एक बच्चे की जान खतरे में है और उसे तत्काल खून की जरूरत है। तब वकील रोजा तोड़े बिना ही मदद के लिए पहुंच गया। बच्चे के शरीर में मात्र तीन ग्राम खून था और उसके ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव था। युवा वकील का भी ए नेगेटिव ब्लड ग्रुप का है। दरअसल, शहर में गिने-चुने लोगों में ही यह ब्लड ग्रुप है। शहर के निजी अस्पताल में मल्हार का बच्चा भर्ती है। उसकी हालत गंभीर थी। डॉक्टर ने जब जांच की, तब पता चला कि उसके शरीर में मात्र तीन ग्राम ब्लड है। लिहाजा, उन्होंने परिजनों को तत्काल तीन से चार बोतल खून का इंतजाम करने कहा। जांच में पता चला कि बच्चे का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है, जो दुर्लभ है। यह जानकर परिजनों के हाथ पांव फूल गए। तब उन्होंने शहर के जज़्बा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों से संपर्क किया।
संस्था के संयोजक संजय मतलानी ने उन्हें बताया कि शहर के सभी ब्लड बैंकों में कॉल करके इस दुर्लभ ग्रुप की तलाश की गई। कहीं ब्लड नहीं मिलने पर उन्होंने डोनर की सूची निकाली और ए नेगेटिव ब्लड ग्रुप वालों को कॉल किया। हाईकोर्ट के वकील फ़ैज़ काज़ी संस्था को पहले भी मदद कर चुके हैं, तब उन्हें भी कॉल किया गया। रमजान के महीने में रोजा रखने वाले फैज बिना सोचे समझे बच्चे को ब्लड देने के लिए राजी हो गए। फैज़, वरिष्ठ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता व आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष सलीम काज़ी के पुत्र हैं।
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