छत्तीसगढ़

लुटेरी सरकार को अपने नागरिकों की चिंता नहींः बृजमोहन अग्रवाल

jantaserishta.com
21 Jan 2022 3:42 PM GMT
लुटेरी सरकार को अपने नागरिकों की चिंता नहींः बृजमोहन अग्रवाल
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रायपुर: भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कोरोना में बढ़ती मौतों पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि यह लुटेरी सरकार है, इसे ऐनकेन प्रकारेण अपनी जेब भरने की चिंता है, उसे नागकरिकों के जान की कोई चिंता नहीं है। यह सिर्फ लोगों के मरने के बाद मौतों का ऑडिट कराने वाली सरकार है। यह सरकार कोरोना महामारी के प्रति लापरवाह है, जबकि उसके पास सिर्फ शराब सेस का 1000 करोड़ से ज्यादा रुपया जमा है लेकिन सरकार उससे कोरोना का कारगर ईलाज न करा कर केवल ब्याज खा रही है।

बृजमोहन अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि ये सरकार लोगों के जान जाने के बाद सिर्फ ऑडिट कराने का काम करती है। उन्होंने कहा कि आखिर छत्तीसगढ़ में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना से मौतें क्यों हो रही है जबकि देश के अन्य राज्यों में नहीं हो रही है, सरकार इसकी चिंता क्यों नहीं कर रही है। मौतों के आंकड़ों में 85 में से 50 को डबल वैक्सीन नहीं लगी थी, इसके लिए आखिर कौन दोषी है। राज्य सरकार वैक्सीनेशन के लिए क्या कार्यवाही कर रही है। यह बहुत दुर्भाग्यजनक है कि सरकार की लापरवाही के कारण राज्य में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। केवल शराब के सेस से ही उसे कोरोना फंड के लिए 1000 करोड़ से ज्यादा प्राप्त हुआ है। सरकार उस पैसे को कोरोना ईलाज में खर्च करने की जगह, उस पैसे का ब्याज खा रही है। लोगों के जान की कीमत सरकार के सामने कुछ नहीं है यह दुर्भाग्यजनक है।
बृजमोहन अग्रवाल ने संक्रमण कम होने और मौतों के आंकड़े बढ़ने पर कहा कि राज्य में संक्रमण कम नहीं हो रहा है बल्कि सरकार की लापरवाही के कारण और टेस्टिंग कम होने के कारण लोग घरों में ही अपना ईलाज कर रहे हैं और टेस्ट नहीं करा रहे हैं इससे संक्रमण के आंकड़े कम आ रहे हैं। सरकार को लोगों को इस महामारी की गंभीरता बताने की जरूरत है कि अगर आप लापरवाही करेंगे तो मृत्यु तक हो सकती है। सरकार ने लोगों को इसे हल्के में बता दिया है कि आपको डरने की जरूरत नहीं है, अगर सबकी टेस्टिंग हो तो जितने आंकड़े अभी आए हैं उससे दोगुने कोरोना से ग्रसित होंगे। सरकार केवल आँकड़े छुपाने का काम कर रही है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह सरकार कंगाल सरकार है। बदहाल सरकार है यह छत्तीसगढ़ के गरीबों का, मजदूरों का शोषण करने वाली सरकार है। ये लुटेरी सरकार है। गरीबों के घर के लिए पैसा सेंट्रल गवर्नमेंट दे रही है। 40 प्रतिशत हिस्सा सज्य सरकार को देना है वह नहीं दे पा रही है। लोगों ने अपने खुद का मकान तोड़े दिए। लोग अपना मकान नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि उनको मिलने वाली दूसरी तीसरी किस्त नहीं दे पा रही है।
रायपुर शहर में कितनी बुरी हालात हैं। इंदौर शहर में 380 रुपए यूजर टैक्स लगता है।यहां पर 780 रुपए लगेगा। यहां हर चीज में लूटमार मचा हुआ है। रायपुर में सिर्फ एक काम हो रहा है कि 50-50 लाख के चौक बनाओ और उसमें कमीशन खाओ। उन्होंने पूछा कि आखिर नगर निगम के पास चौक बना रहे हैं उसकी क्या आवश्यकता है। कौन से ट्रफिक एक्सपर्ट ने कहा है कि उसे बनाया जाए। दानी स्कूल, सप्रे स्कूल और डिग्री गर्ल्स कालेज की लड़कियाँ पहले बुढ़ा तालाब के पीछे की सड़क से निकल कर अपने घर पहुंच जाती थीं। आज उनको कालीबाड़ी चौक पर ट्रफिक से भरे रोड़ पर उस सड़क का उपयोग करना पड़ रहा है। उस सड़क को नगर निगम ने बंद कर दिया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गोल बाजार में व्यापारियों को लालच दे रहे हैं कि हम फ्री होल्ड करेंगे दूसरी तरफ उनके ऊपर हजार से पन्द्रह सौ रुपए प्रतिवर्ग फुट कामर्शियल यूजर चार्ज लगाया जा रहा है जो देश में अपने तरह का अनोखा और परेशान करने वाला यूजर चार्ज है। सरकार सिर्फ लूटने का काम कर रही है सुविधा देने का कोई काम नहीं कर रही है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 2500 रुपए धान का मूल्य दे कर सरकार ने किसानों को खरीद लिया है। एक महीने लेट धान खरीद रहे हैं। किसानों को 2500 की राशि चार किस्तों में दे रहे हैं। एक महीने लेट खरीदने के कारण किसानों का धान भीग गया। उनकी फसलें खराब हो गईं। पन्द्रह दिनों में धान की खरीदी कम की गई। और उसके कारण किसान परेशान है। किसानों का गीला धान खरीदा नहीं जा रहा है। किसान को धान सुखाना पड़ रहा है इसलिए कम से कम किसानों की धान खरीदी एक महीने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। सरकार धान खरीदी में केवल खाना पूर्ति न करे उसे किसानों की परेशानियों को समझना चाहिए। उनके टोकन का रिव्यू कौन करेगा? कम्प्यूटर से जिन किसानों का नाम उड़ गया है, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। इन सब परेशानियों को समझते हुए किसानों की धान खरीदी एक महीना बढ़ाया जाना ही चाहिए । धान खरीदी में खानापूर्ति स्वीकार नहीं होगी।
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