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रायगढ़। नवगठित सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में अजीबो-गरीब कानामा देखने को मिल रहा है, बरमकेला के ग्राम मुंगलीपाली ग्राम पंचायत के बिना एनओसी के राइसमिल न केवल स्थापित कर लिया गया, बल्कि मिल को चालू कर लिया गया और खाद्य विभाग ने कस्टम मिलिंग के लिए मिल का पंजीयन भी कर दिया। जबकि देखा जाए तो उक्त मिल से 10 कदम की दूरी पर स्कूल का संचालन हो रहा है। जिसके कारण ग्राम पंचायत भी अब उक्त राइसमिल को लेकर आपत्ति जता रही है। बरमकेला क्षेत्र के ग्राम पंचायत गिरहुलपाली के अंतर्गत ग्राम मुंगलीपाली में इसी सत्र एक राइसमिल की स्थापना की गई है। नियमानुसार देखा जाए तो ग्राम पंचायत क्षेत्र में कोई भी निर्माण के पूर्व ग्राम पंचायत की एनओसी अनिवार्य रहता है, लेकिन यहां राइसमिल की स्थापना के लिए ग्राम पंचायत का एनओसी ही नहीं लिया गया।
बिना एनओसी के मिल का संचालन शुरू कर दिया गया, इतना ही नहीं मिल का संचालन करने के साथ ही साथ खाद्य विभाग ने कस्टम मिलिंग के लिए भी पंजीयन कर उक्त मिल के नाम पर धान उठाव के लिए डीओ जारी कर दिया है। सारंगढ़ जिले में खाद्य विभाग के अधिकारियों ने मिल से संबंधित दस्तावेजों का बिना अवलोकन किए ही पंजीयन कर दिया है। नियमानुसार देखा जाए तो राइसमिल हो चाहे क्रशर व अन्य उद्योग की स्थापना शैक्षणिक संस्थान से दूर होना चाहिए, लेकिन गांव में पिछले कई वर्षों से संचालित निजी स्कूल से महज 10 कदम की दूरी में उक्त राइसमिल का संचालन शुरू कर दिया गया है। इसको लेकर ग्राम पंचायत भी आपत्ति कर रही है। यही कारण है कि अब तक उक्त मिलर को एनओसी नहीं मिला है। आवासीय हो चाहे व्यवसायिक दोनों ही बिजली कनेक्शन में संबंधित निकाय का एनओसी अनिवार्य रहता है, लेकिन राइसमिल जैसे उद्योग के लिए ग्राम पंचायत के बिना एनओसी के बिजली कनेक्शन दे दिया गया है। इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहा है। राइसमिल के स्थापना के समय से ही लोकशक्ति हायर सेकण्डरी स्कूल प्रबंधन ने आपत्ति की थी, लेकिन इसका संचालन शुरू हो गया है। अब मिल के मशीन से आने वाली आवाज के कारण यहां के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
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