छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में किसानों के पसीने का सम्मान, विष्णु सरकार का साहसिक कदम

Nilmani Pal
14 Nov 2024 3:13 AM GMT
छत्तीसगढ़ में किसानों के पसीने का सम्मान, विष्णु सरकार का साहसिक कदम
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(विशेष लेख-एल.डी. मानिकपुरी)


छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है, जिसे पूरे देश में "धान का कटोरा" के रूप में जाना जाता है। यहां की अर्थव्यवस्था में खेती-बाड़ी का अहम स्थान है, और यह मेहनतकश किसानों की कड़ी मेहनत पर निर्भर है। श्री विष्णु देव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने किसानों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में कई साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं।

किसानों के सम्मान में ऐतिहासिक निर्णय

साय के नेतृत्व में सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का साहसिक फैसला मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही लिया। यह कदम किसानों की मेहनत का सम्मान है, जिससे न केवल उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने लगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने लगा। इसके अलावा, दो वर्षों से लंबित धान बोनस राशि को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर "सुशासन दिवस" के अवसर पर सीधे 13 लाख से अधिक किसानों के खातों में 3716 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई। यह निर्णय इस बात का प्रतीक है कि सरकार हर कदम पर किसानों का साथ देने के लिए प्रतिबद्ध है।

खरीफ सीजन 2023-24 में धान की रिकॉर्ड खरीद

विगत खरीफ वर्ष में प्रदेश के किसानों से 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जो एक रिकॉर्ड था। इस वर्ष भी सरकार ने 14 नवंबर से धान खरीदी प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। 34 लाख 51 हजार 739 हेक्टेयर में बोए गए धान की पंजीकृत 27 लाख 1 हजार 109 किसानों से धान की खरीदारी की जाएगी।

भूमिहीन किसानों का दर्द समझने वाली सरकार

विष्णु सरकार ने न केवल किसानों की स्थिति को समझा, बल्कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के दर्द को भी महसूस किया। इसके लिए उन्होंने 500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है और दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत प्रति वर्ष 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता का वादा निभाया है। यह सहायता उन भूमिहीन मजदूरों के लिए सहारा है, जो खेती से जुड़े होते हुए भी अपनी आजीविका के लिए संघर्ष करते हैं।

आदिवासियों के पैरों में कांटा न चुभें

छत्तीसगढ़ की डबल इंजन की सरकार ने हमेशा से आदिवासी और वनाश्रित परिवारों की चिंता की है। श्री साय ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को 4 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार 500 रुपये कर दिया, जिससे लगभग 12.5 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, चरण पादुका योजना लागू की गई है, जिससे जंगल में काम करते समय संग्राहकों के पैरों में कांटे न चुभें और उन्हें काम में आसानी हो। यह योजनाएं वनाश्रित समुदायों की जीवनशैली को सशक्त बनाने के साथ-साथ उनकी गरिमा को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं।

सुशासन और विकास का प्रतीक

विष्णु सरकार का यह कदम छत्तीसगढ़ में सुशासन और विकास का प्रतीक है। यह सरकार न केवल किसानों और कृषि मजदूरों के उत्थान के प्रति संवेदनशील है, बल्कि हर वर्ग के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के प्रति भी कटिबद्ध है। कृषि और ग्रामीण विकास के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह योजनाएं एक आधारशिला साबित होंगी।

इस प्रकार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने छत्तीसगढ़ में किसानों के पसीने का सम्मान करते हुए उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य देने के लिए कदम बढ़ाए हैं। इन साहसिक नीतियों और योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में एक नये कृषि युग की शुरुआत हो रही है, जो न केवल किसानों की बल्कि पूरे प्रदेश की समृद्धि का आधार बनेगा।

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