छत्तीसगढ़
हाथी प्रभावित पंड्रीपानी के मुआवजा प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करें- कलेक्टर
Shantanu Roy
3 Feb 2023 2:53 PM GMT
x
छग
कवर्धा। कबीरधाम जिले के आदिवासी बैगा बाहूल बोडला विकासखण्ड के वनांचल क्षेत्र दलदली और पंडरिया विकाखण्ड के सुदूर वनांचल क्षेत्रों को हाथियों के दलों के मूवमेंट के रूप में वन विभाग द्वारा चिन्हांकित किया गया है। यह दोनों क्षेत्र छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सीमावर्ती क्षेत्र हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में कवर्धा वनमंडल और मध्यप्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों में वनमंडलाधिकारियों के समन्वय से लगातार हाथियों के दलों की मूवमेंट की जानकारी जुटाई जाती रही हैं। साथ ही हाथियों सहित अन्य जंगली जानवारों के बचाव के लिए लगातार संयुक्त रूप से पेट्रोंलिंग की व्यवस्था की बनाई गई है। हाथियां के द्वारा होने वाले घरों की क्षतिपूर्ति के लिए शीघ्रता निराकरण कर प्रभावितों को राहत पहुंचाई भी जा रही है। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने शुक्रवार को पंडरिया विकासखण्ड के सूदूर वनांचल क्षेत्र ग्राम पण्ड्रीपानी से आए विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के सदस्यों से भेंट-मुलाकात की। पंड्रीपानी से आए ग्रामीणजनों को कलेक्टर ने अपने कक्ष में पूरे सम्मान से अपने कार्यालय में बिठाया और उन लोगों की सभी समस्याएं भी सुनी। बैगा जनजाति के लामूसिंह, दरबारी बैगा, बैखाखिन बैगा, ईतवारी बैगा, भगवान सिंह बैगा, फूलसिंग बैगा और पार्वती बैगा सहित बीस से अधिक लोग आज कलेक्टर से मिलने आए थे। सभी ने बताया कि पंड्रीपानी गांव बैगा बाहूल गांव हैं। हम बस लोग हाथियों के मुमेंट से परेशान और डरे सहमें से है। हाथियों के बचाव के लिए देर रात तक भी जागना पड़ता है। बैगा परिवारों ने सुरक्षा के लिए कलेक्टर से मांग की हैं। ग्रामीणों ने अन्य दूसरे सुरक्षित स्थलों में विधिवत व्यवस्थापन के लिए भी मांग की।
कलेक्टर महोबे ने बैगा परिवारों की पूरी समस्या सूनने के बाद इस पूरे मामले की जानकारी वनमंडलाअधिकारी चुड़ामणि सिंह को दी। कलेक्टर ने डीएफओ को निर्देशित करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में वन विभाग की पेट्रोलिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने हाथी के द्वारा हुई क्षतिपूर्ति प्रकरणों को शीघ्र निराकरण के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने बैगा परिवारों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे शीघ्र ही पंड्रीपानी क्षेत्र सहित अन्य बैगा बाहूल गावों में पहुंच कर सभी से बातचीत करेंगे। वनमंडलाअधिकारी चूड़ामणि सिंह ने बताया कि बोडला और पंडरिया विकासखण्ड के अंतिम गावं जो मध्यप्रदेश से सटा हुआ है, ऐसे क्षेत्रों में हाथियों की मुमेंट पिछले वर्ष हुई थी। हाथियों की मुमेंट की जानकारी पता लगाने के लिए सतत रूप में वन विभाग द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है। साथ ही हाथियों सहित अन्य जंगली जानवरों के हमले से बचाव के लिए लगातार ग्रामीण क्षेत्रों मे मुनादी के माध्यम से जागरूकता भी लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभावितों को मुआवजा के लिए सभी प्रकरणों पर शीघ्रता से भी कार्यवाही कर प्रभावितों को राहत पहंचाने का काम भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाथियों के समीप जाने और उनके साथ मोबाईल से सेल्फी लेने से युवाओं और ग्रामीणों को बचना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि हाथियों के मुमेंट को रोकने और प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षा देने की दृष्टि से पिछले दिनों चिल्फी में मध्यप्रदेश सहित आसपास के पांच वनमंडलाअधिकारियों की संयुक्त बैठक भी हुई थी। बैठक में हाथियों सहित अन्य जंगली जानवरों के हमले से बचाव और अन्य सुरक्षा के संबंध में गहनता से चर्चा और सकारात्मक निर्णय भी लिए गए है।
Tagsछग खबरछग न्यूज़छत्तीसगढ़ की ख़बरेंखबर छत्तीसगढ़खबर छग कीछत्तीसगढ़ ख़बरेंख़बरें लगातारChhattisgarh newsChhatish newsnews continuouslyदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBIG NEWS OF THE DAYCRIME NEWSLATEST NEWSTODAY'S BIG NEWSTODAY'S IMPORTANT NEWSHINDI NEWSJANATA SE RISHTABIG NEWSCOUNTRY-WORLD NEWSSTATE-WISE NEWSTODAY NEWSNEWS UPDATEDAILY NEWSBREAKING NEWS
Shantanu Roy
Next Story