राज्यपाल व ईओडब्ल्यू में हुई शिकायत, फिर भी कार्रवाई नहीं
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। शहर में विज्ञापन नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मानकों के विपरीत यूनीपोल व होर्डिंग लगाकर हादसों को तो न्योता दिया ही जा रहा है, साथ ही अवैध कमाई का भी खेल खेला जा रहा है। प्रदेश में लागू विज्ञापन नियमावली के अनुसार यूनीपोल या होर्डिंग ऐसी जगह पर नहीं लगाए जा सकते, जिससे वह यातायात में बाधक या फिर दुर्घटना का कारण बने। लेकिन नियमों मापदंडों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। शहर में दो एजेंसियों को यूनीपोल, होर्डिंग लगाने के काम सौंपे गए हैं। ये एजेंसियां खुले तौर पर मानकों की धज्जियां उड़ाई रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी मापदंडों के तहत यूनीपोल लगाने का हवाला दे रहे हैं। चौराहे व उसके आसपास होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते, मगर पांच रास्ते वाले जगहों पर शोभायमान बड़े-बड़े होर्डिंग यूनीपोल निगम प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
नियम शर्तों के अनुसार साइज बढऩा नहीं था तो कैसे बढ़ा?
नगर पालिक निगम रायपुर सीमा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न डिवाइडर पर शहर की सौंदर्यीकरण एवं बेहतर नागरिक सुविधा प्रदान करने हेतु कुल 11 रोड ग्रुप में 126 मिनी पोल जिसकी साइज 15 बाई नौ तीन वर्षो ंके लिए बीओटी आधार पर स्थापित करने हेतु निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 797 /भनिअप्र/नपानि 2019 /दिनांक 26 /62019 को जारी की गई थी। निविदा में नियम व शर्त क्रमांक 5 में नगर निगम व्दारा साफ उल्लेख किया गया था कि अनुबंध तीन वर्षों के लिए किया जाएगा तथा प्रत्येक वर्ष समाप्ति पश्चात स्वीकृत दर मे 5 प्रतिशत की कामोतर वृद्धि की जाएगी । राशि निर्धारित अवधि में जमा न कराए जाने पर कुल देय राशि में एक प्रतिशत की दर से अधिभार भी लिया जाएगा। इसी तरह निविदिा व नियम व शर्त क्रमांक 8 व 11 में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि यूनीपोल की संख्या बढ़ाई या घटाई जा सकती है पर कहीं भी साइड घटाने और बढ़ाने की जिक्र नहीं था और स्पष्ट तौर पर लिखा था कि नियम 11 में किसी भी स्थिति में 15 बाई नौ साइज से घटाई और बढ़ाई नहीं जा सकती तो 2021 में नियम विपरीत नवीनीकरण कर साइज बढ़ाकर 18 बाई 18 और 20 बाई 20 कर दूसरे निविदाकारों के साथ छल किया गया और जानमाल के नुकसान की भी ध्यान नहीं रखा गया।
अधिकारियों की मिलीभगत और ठेकेदारों की मनमर्जी हावी
राजधानी में होर्डिंग्स हो या फिर यूनीपोल। नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत और ठेकेदारों की मनमर्जी हावी साफ दिख रही है। जहां तक लोगों को विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता का संदेश देना चाहती है वह दुर्घटनाकारित बन सकता है। ऐसा भी नहीं की नगर निगम के अधिकारियों की निगाह में यह सब नहीं आया हो, ठोस कार्रवाई से बच रहे हैं। इससे राहगीरों को खतरा बना हुआ है। नगर निगम की ओर से शहर में सिर्फ 36 साइटों पर ही यूनीपोल लगाने की अनुमति है पर पार्षदों की मानें तो इनकी संख्या काफी अधिक हो रही है। सड़क चौड़ी करने के लिए बिजली के खंभे को तो हटा दिया गया पर यूनीपोल रोड पर ही लगा हुआ है। इससे रात को वाहन चालकों के टकराने का खतरा बना हुआ है।
होर्डिंग्स माफिया की दबंगई
राजधानी में होर्डिंग्स माफिया का दबदबा शुरुआत से है, नगरीय प्रशासन के अधिकारी तो मात्र मूकदर्शक है। होर्डिंग्स माफिया अपने ठेकेदार से नियम कायदे को मोड़ लेता है। करीब दो साल पहले कलक्ेटोरेट गार्डन में होर्डिंग्स का ठेका दिया था जो गिर गया। उस वहां कोई नहीं था, इसलिए जनहानि नहीं हुई।
अनुबंध के तहत डेट एक्सटेंशन का प्रावधान था, उसी के अनुरूप डेट आगे बढ़ा है। प्रापर्टी तो निगम का ही है, डेट आगे बढ़ा है तो नियम के तहत बढ़ा है।
तत्कालीन कमिश्नर प्रभात मलिक
-नगर निगम के वर्तमान कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी से इस संबंध में उनका पक्ष जानने फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।