मोबाईल के लत से छुटकारा पाने का उपाय, बच्चों ने लिया संकल्प
कवर्धा। कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देशानुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं चाईल्ड लाईन 1098 की संयुक्त टीम द्वारा बच्चों को मोबाइल के मोह (मेबाईल एडिक्षन) से बाहर लाने जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
संयुक्त टीम द्वारा विकासखण्ड सहसपुर लोहारा के स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल सहसपुर लोहारा एवं विकासखण्ड पण्डरिया के शासकीय हाई स्कूल परसवारा में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को मोबाईल की लत से होने वाले दुष्परिणाम एवं उसके विकारों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मोबाइल को लगातार इस्तेमाल करना और इस पर आपका खुद का नियंत्रण नही रहना जिसे आपके दैनिक जीवन के कामकाजों के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। जब हम किसी चीज का अत्यधिक इस्तेमाल करते है तो हमें उसकी लत लग जाती है। आज के समय में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक प्रत्येक व्यक्ति मोबाईल के अत्यधिक इस्तेमाल करने लगे है। इससे यह बिमारी मेबाईल एडिक्षन तेजी से फैलते जा रही है। मोबाइल एडिक्शन से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि हमारा बहुत सारा काम मोबाइल के बिना नही चलता और साथ ही मोबाइल हमारे साथ चैबीसों घण्टे रहता हैं इसलिए यह काम आसान नहीं होता परन्तु मोबाइल के लत से छुटकारा पाया जा सकता हैं इसके लिए दृड़ संकल्प के साथ मेहनत करनी होगी। जिसके लिए समय प्रबंधन के साथ मोबाईल उपयोग करना अति आवष्यक है। मोबाइल एडिक्शन बचने के उपाय इंटरनेट से अपना जुड़ाव कम करें क्योंकि बिना इंटरनेट के मोबाईल एडिक्षन से छुटकारा पाना बहुत आसान हो जाता हैं इसके लिए कम इंटरनेट पैक वाला रिचार्ज कराए जिससे मोबाइल को केवल अपने काम के लिए ही इस्तेमाल कर सकें। इंटरनेट के साथ-साथ वर्चुअल दुनिया से अपना जुड़ाव कम करें और असल दुनिया मे लोगों के साथ समय बिताये रचनात्मक कार्यो में रूची बढ़ाने, सोशल मीडिया का भी उपयोग जरूरत के अनुसार करें, मोबाइल एप्लीकेशन भी जो जरूरी हो उसे ही मोबाईल में रखें, मोबाइल नोटिफिकेशन को बंद रखें जिससे मोबाईल की ओर बार-बार ध्यान न जाये, खाली समय मे मोबाइल पर गेम खेलना छोड़े और वह खेल खेले जिसे आपकी बॉडी से पसीना निकले जिससे शरीर स्वास्थ्य रहे, मैडिटेशन को भी अपने आदतों में रखें जिससे दिमाख को अपने कंट्रोल में रख सकते है, अपने दोस्तों और परिवार के साथ अधिक समय बिताये ताकि आपके मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल हो, इन उपायों से मोबाइल लत से छुटकारा पा सकते हैं, इसके साथ ही रचनात्मक गतिविधियों अपने व्यवहार में लाये इस तरह मोबाइल की लत से छुटकारा मिल जाएगा।
इसके साथ ही टीम के अलग-अलग सदस्यों ने बच्चों को किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015, लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, बाल अधिकार संरक्षण, एकीकृत बाल संरक्षण कार्यक्रम मिशन वात्सल्य के तहत् जिला बाल संरक्षण समिति, विशेष किशोर पुलिस इकाई, जिला बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, शासकीय बाल गृह, विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण, प्रवर्तकता, पोषण देखरेख एवं पश्चातवर्ती देखरेख कार्यक्रम, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना, चाईल्ड हेल्प लाईन 1098, देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पहचान, रेस्क्यू एवं पुर्नवास, बच्चों को नशे की लत से बचाव, भिक्षावृत्ति रोकथाम, बाल अपषिष्ट संग्राहक एवं सड़क जैसे स्थिति में रहने वाले बच्चों का चिन्हांकन, सघन कोरोना टिकाकरण के लिए जागरूक किए। कार्यक्रम में बच्चों के बीच रचनात्मक गतिविधियां ड्राइंग, पेन्टिंग, नृत्य, संगीत, नाटक, लेखन आदि रचनात्मक गतिविधि कराया गया। इस दौरान बच्चों ने आवश्यकता अनुसार ही मोबाईल का उपयोग करने संकल्प लिया। कार्याक्रम में बच्चों ने रंगारग सांस्कृतिक कार्यक्रम साथ संगीत, गाना, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग एवं विभिन्न गतिविधियों में माध्यम से मोबाइल के मोह से बाहर निकलने का संदेष दिया।