छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के नक्सल पीडि़त परिवार को राहत: हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया

Admin2
5 Dec 2020 6:10 AM GMT
छत्तीसगढ़ के नक्सल पीडि़त परिवार को राहत: हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया
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नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर बता की थी हत्या

बिलासपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नक्सल हमले में पीडि़त परिवार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पुलिस मुखबिरी के नाम पर कवर्धा जिले के मारे गए व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आदेश दिया है। इसके बाद ढ्ढत्र और कलेक्टर ने राज्य शासन के नियमानुसार, तय समय सीमा में कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में हुई।

कवर्धा के बालोदा निवासी केकती बाई शर्मा ने वकील संतोष कुमार पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया कि उनके पति हेमप्रसाद शर्मा को 25 अगस्त 2018 को नक्सलियों ने पुलिस की मुखबिरी के शक में मार डाला था। इसके बाद उनका परिवार बालोदा का घर, जमीन व व्यवसाय सब कुछ छोड़कर कवर्धा में किराए पर रह रहा है। परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजार रहा है।

छोटे बेटे की सरकारी नौकरी के लिए अनुशंसा

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद ढ्ढत्र और कलेक्टर को इस मामले में राज्य शासन के नीति आदेश के अनुसार दी गई समय सीमा में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके बाद याचिकाकर्ता ने ढ्ढत्र दुर्ग के समक्ष अभ्यावेदन दिया। इसमें 12वीं पास सबसे छोटे बेटे कृष्ण कुमार शर्मा को पद की उपलब्धता के

अनुसार तृतीय या चतुर्थ श्रेणी किसी भी पद में स्थाई शासकीय नौकरी प्रदान की जाए।

राज्य सरकार की नीतियों में 120 दिन में कार्यवाही का है नियम: छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति में नक्सल पीडि़त व्यक्ति या उसके परिवार को जिला स्तरीय समिति और सीधे प्राधिकारी के माध्यम से राहत पहुंचाने के लिए और पुनव्यवस्थापन की कार्यवाही 120 दिन में पूरी करने का नियम है। अगर मामला राज्य स्तर का हो तो ऐसे प्रकरण के प्राप्ति के 60 दिन में समिति के माध्यम से निराकरण कराया जाएगा। पीडि़त परिवार को कृषि योग्य भूमि भी प्रदान की जाती है। आवेदक को कोई सुविधा नहीं मिली थी।

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