दंतेवाड़ा। कलेक्टर दीपक सोनी के पहल से 20 जुलाई 2020 को ''सुगम स्वास्थ्य दंतेवाड़ा योजना'' की शुरुआत की गई थी। जिसके तहत् अब किसी मरीज, गर्भवती महिला, दुर्घटना से घायल को एम्बुलेंस के लिए भटकना नही पड़ेगा। जिले में 44 एम्बुलेंस वर्तमान में मौजूद है, परन्तु नदी, नालों, पहाड़, नक्सल ग्रस्त, विषम परिस्थितियों से भरे दुर्गम क्षेत्रों तक आसानी से पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है, जिससे मरीज या दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की कई बार मौत भी हो जाती है साथ ही संस्थागत प्रसव करा पाना भी सम्भव नहीं हो पाता है जिससे माँ और बच्चे के जीवन को खतरा रहता है। इस योजना से अब व्यक्ति अपने आस पड़ोस या समीप स्थित गाँव के वाहन के मालिक को फोन करके अस्पताल जा सकते हैं इसके ऐवज में वाहन मालिक को उचित किराया भाड़ा दिया जाएगा। जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के कुल 239 गांव एवं 143 ग्राम पंचायत हैं। जिनमें कुल 76 उप स्वास्थ्य केंद्र 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 4 सामुदायिक केंद्र 1 मातृत्व एवं शिशु अस्पताल एवं 1 जिला चिकित्सालय संचालित है। जिले में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति का आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि मातृ मृत्यु दर 272 एवं नवजात शिशु मृत्यु दर 44 है।
विश्लेषण में जाने पर स्पष्ट रुप से प्रदर्शित होता है कि इन मृत्यु में एक बड़ा कारण सही समय पर व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचने हेतु एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण आज तक नहीं पहुंच पाना है। जिले में 7 संजीवनी एक्सप्रेस 108 एंबुलेंस एवं 8 महतारी एक्सप्रेस 102 की सुविधा उपलब्ध है। किंतु संवेदनशील एवं पहुंच विहीन क्षेत्र होने के कारण वाहन समय पर पहुंच नहीं पाते हैं। अतः 20 जुलाई 2020 से जिला प्रशासन द्वारा सुगम स्वस्थ दंतेवाड़ा की शुरुआत की गई। जिसमें वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गांव के वाहन मालिक द्वारा सहमति पश्चात आपातकालीन सेवा हेतु मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए संबंधित वाहन मालिक को प्रशासन द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान किया जा रहा है। जिले में अब तक 189 वाहन मालिक को 67 हजार रूपयें का भुगतान किया गया है। जिससे 189 मरीजो को सही समय पर अस्पताल तक पहुंचाया जा सका। उक्त योजना से जन सामान्य को भरपूर लाभ मिल रहा है।